15/10 अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस की प्रासंगिकता

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चंडीगढ़ 15 अक्तूबर आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा —भारत राष्ट्र आदि अनादि काल से ही भगवान की सृजनात्मक शक्ति का कृपा पात्र रहा है और भारत तो अपने गांव में ही बसता है। ग्रामीण परिवेश को जिंदा और जागृत रखने में महिलाओं की महत्वपूर्ण का सर्वोपरि है। ग्रामीण महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका और भागीदारी को पहचानने के लिए हर साल 15 अक्टूबर को “अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस” मनाया जाता है। ग्रामीण महिलाओं का यह अंतर्राष्ट्रीय दिवस नारीवादी योजना के दृष्टिकोण को आकार देने के लिए हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को व्यवस्थित करने की एक बदली हुई प्रणाली की प्रतिज्ञा करने के लिए एक परिवर्तनकारी अवसर का प्रस्ताव करता है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन के प्रभावों और बहु-हितधारक प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे ग्रामीण महिलाओं को उनकी उत्पादकता और सभी द्वारा साझा किए गए भोजन और पोषण से समान रूप से लाभ हो रहा है। जगत जननी नारी शक्ति को अल्फा न्यूज़ इंडिया की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं हैं। कभी यही नारी शक्ति देव सिंहासनों पर देवों के साथ विराजमान होती थी आज आधुनिक शिक्षित युग में नई सामूहिक बलात्कारों का शिकार हो रही है कत्ल होकर फ्रिज का पेट भर रही हैं। अबोध बच्चियों बलात्कार का शिकार होकर निर्मम हत्याओं की बलि चढ़ रही हैं।

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