सृष्टि रचयिता भगवान श्री कृष्ण जी के महाभारत में वर्णित नाम

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चंडीगढ़ 13 अक्तूबर आरके विक्रमा शर्मा रक्षत शर्मा अनिल शारदा प्रस्तुति —भगवान विष्णु महाराज के अवतारों में भगवान श्री रामचंद्र जी के बाद भगवान श्री कृष्ण जी महाराज का नाम सर्वोपरि है। भगवान श्री कृष्ण जी महाभारत युद्ध के प्रणेता, ज्ञाता और मार्गदर्शक हैं। सृष्टि रचयिता भगवान श्री कृष्ण के असंख्या नाम हैं। जिनके सिमरन से स्मरण से जिनके बारे में सोचने मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। विष्णु महाराज जी का बैकुंठ धाम प्राप्त हो जाता है। ऐसे भक्त वत्सल भगवान श्री कृष्ण के भवसागर पार करते नाम का हमेशा उच्चारण करना चाहिए। श्रवण करना चाहिए। यह बात धर्म ज्ञाता धर्म पुजारी पंडित राम कृष्ण शर्मा समाज सेवक पंचकूला वाले अपने विचार चर्चा में बताते हैं कि भगवान की शरण पहली और अंतिम उत्तम शरण है। इसके बाद किसी और शरण की जरूरत नहीं रहती है। तो भगवान श्री कृष्ण जी को महाभारत के दौरान किन-किन नाम से पुकारा गया। आपकी जानकारी के लिए आपके जीवन को सार्थ करने के लिए यह नाम बताए जा रहे हैं। श्रीभगवद् गीता में भगवान् श्रीकृष्ण के नाम

श्रीकृष्ण

माधव

पुरुषोत्तम

विष्णु

अनंत

अच्युत

वाष्र्णेय

योगेश्वर

जगन्निवास

सर्वात्मन्

केशव

अरिसूदन

कमलनेत्र

देवेश

विश्वस्वरूप

मधुसूदन

गोविन्द

परमेश्वर

अन्तर्यामिन्

सहस्त्रबाहो

जनार्दन

महाबाहो

प्रभु

महात्मन्

वासुदेव

वैसे तो नित्य प्रति इन मोक्षदायिनी नामों के आगे ‘हे’ लगाकर पाठ नाम जाप करना चाहिए। संकट की घड़ी में इन नामों के आगे ‘हे’ लगाकर भगवान् को पुकारने से बड़ा लाभ होता है। अंतिम समय में जब जवान लड़खड़ाने से भी अपाहिज हो जाती है ऐसे में प्रभु सिमरन एक शब्द बोलने के लिए यह जीवात्मा तड़पती है। तो बेहतर होगा, समय रहते ही इस जीभ से भगवान का नाम उचारा जाए। और जीवन व समाज सहित परिवार को सार्थ किया जाए।

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