भारत में ब्राह्मण ‘शर्मा’ बनकर पाकिस्तानी फैमिली 10 साल से रहती धर्म परिवर्तन करवाती पाकिस्तान से फंडिंग मिलती

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मुम्बई 03 अक्टूबर अल्फा न्यूज इंडिया प्रस्तुति—-बेंगलुरु के राजपुरा गांव में शर्मा बनकर रह रहे पाकिस्तानी परिवार को गिरफ्तार किया है। कराची का राशिद अली सिद्दीकी अपनी पत्नी आयशा, ससुर हनीफ मोहम्मद और सास रुबीना के साथ पिछले 10 साल से रह रहा था। चेन्नई एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन अधिकारियों की जांच के बाद इसका पता चला। इस मामले में अब तक 8 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

इस परिवार ने अपने असली नामों को बदलकर शंकर शर्मा, आशा रानी, राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा रख लिया था। जानकारी के मुताबिक, वे स्थानीय हिंदुओं को इस्लाम में कन्वर्ट करने का प्रयास कर रहे थे और इस कार्य के लिए उन्हें पाकिस्तान से फंडिंग भी मिल रही थी।एयरपोर्ट से 2 पाकिस्तानियों को गिरफ्तार कियाये गतिविधियां सुरक्षा बलों के लिए चिंता का विषय बन गई थी। जिसके परिणामस्वरूप उनकी गिरफ्तारी हुई है। पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद चेन्नई एयरपोर्ट से 2 पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया गया। जब इन लोगों ने अपने भारतीय होने का दावा किया, तब उनके पासपोर्ट की जांच की गई और पता चला कि वे फेक हैं। इसी जांच के दौरान बेंगलुरु में रह रहे सिद्दीकी परिवार का पता चला।पासपोर्ट व आधार कार्ड मिलेजब पुलिस ने रविवार को इस परिवार को गिरफ्तार करने की कोशिश की, तब वे भागने की तैयारी में थे। परिवार ने पुलिस को बताया कि वे 2018 से बेंगलुरु में रह रहे हैं। फेक पासपोर्ट और आधार कार्ड की मदद से देश में तकरीबन 10 सालों से रह रहे थे।तलाशी के दौरान पुलिस को उनके पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड मिले, जिनमें उनकी हिंदू पहचान दर्ज थी। यह दस्तावेज उनकी पहचान को लेकर उठे सवालों को और गहरा करते हैं, और उनके अवैध प्रवास के मामले को complicate करते हैं।घर में जश्न-ए-यूनुस लिखा मिलापुलिस ने जब परिवार के घर की तलाशी ली, तो उन्हें दीवार पर “मेहंदी फाउंडेशन इटरनेशनल” का जश्न-ए-यूनुस लिखा हुआ मिला। इसके अलावा, घर के अंदर कुछ मौलवियों की तस्वीरें भी थीं। ये सब बातें इस ओर इशारा करती हैं कि परिवार धार्मिक गतिविधियों में शामिल था। ऐसे संकेत मिले हैं कि वे स्थानीय समुदाय में धार्मिक परिवर्तन का प्रयास कर रहे थे।सिद्दीकी की पत्नी बांग्लादेश सेराशिद सिद्दीकी की पत्नी बांग्लादेश से हैं, और उनकी शादी ढाका में हुई थी। जानकारी के अनुसार, यह जोड़ा 2014 में दिल्ली आया और फिर 2018 में बेंगलुरु में बस गया। उनके साथ गिरफ्तार किए गए अन्य दो लोग राशिद के ससुराल वाले हैं, जो इस परिवार के साथ ही बेंगलुरु में रह रहे थे। यह जानकारी उनके पीछे के इतिहास और अवैध गतिविधियों को उजागर करने में मदद करती है।परिवार के नेटवर्क की जांच कर रहीपुलिस अब इस परिवार के नेटवर्क की जांच कर रही है। जिगानी के निरीक्षक ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। परिवार ने फेक डॉक्यूमेंट्स के आधार पर बेंगलुरु में रहने की कोशिश की थी। साभार

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