चण्डीगढ़ 03 अक्टूबर अल्फा न्यूज इंडिया प्रस्तुति:— हरियाणा के आगामी विधानसभा चुनावों में मतदान से पूर्व उस समय कांग्रेस पार्टी को भारी बल मिला, जब पिछड़े एवं दलित वर्ग से जुड़ी दर्जनों संस्थाओं ने उसे समर्थन देने का एलान किया। हरियाणा प्रदेश अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग परिसंघ के बैनर के नीचे समस्त हरियाणा प्रदेश की अनुसूचित जाति की लगभग 50 से अधिक सामाजिक संस्थाओं ने मिलकर एक प्रेस वार्ता करके इस आशय की घोषणा की। प्रेस वार्ता को परिसंघ के अध्यक्ष कर्मवीर सिंह के साथ साथ हरियाणा प्रदेश चमार कोऑर्डिनेशन के संयोजक एसपी चालिया, राजबीर सिंह (पानीपत), कृष्ण कुमार (सोनीपत), महिंदर पाल सिंह नागरा (यमुनानगर), प्रभु दयाल सिरोही (कैथल) व राज सिंह अंबाला ने भी संबोधित किया।
कर्मवीर सिंह ने बताया कि बेशक प्रदेश में इस समय ओबीसी वर्ग से आते नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री हैं परंतु वे ना तो बैकलॉग भर सके और ना ही पदोन्नति में आरक्षण
दे सके, जोकि प्रदेश के दलित पिछड़ा वर्ग की मुख्य मांगें हैं।
इसके अलावा एससी/एसटी वर्ग के लिए इनकम क्राइटेरिया भी नहीं बढ़ाया।
इन नेताओं ने जानकारी दी कि बैठक कर गहन विचार विमर्श करने के उपरान्त अपनी 31 मांगों का दलित (चमार) एजेंडा मिशन 2024 तैयार किया था। इन सभी मांगों पर विचार करने के लिए पूरे हरियाणा प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। तत्पश्चात आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को इस दलित चमार एजेंडा को अपने घोषणा पत्र (मेनिफेस्टो) में शामिल करने के लिए उन्हें सौंपा गया। दलित चमार एजेंडे के शुरू में ही यह लिखा गया था कि जो भी पार्टी इस ऐजेंडे को लागू करने के लिए अपने मेनिफेस्टो में शामिल करेगी चमार जाति उसी पार्टी को वोट देगी।
कर्मवीर सिंह ने बताया कि सभी पार्टियों के मेनिफेस्टो का अध्ययन करने पर यह पाया गया कि कांग्रेस पार्टी ने दलित एजेंडा में वर्णित मांगों में से ज्यादातर मांगे अपने मेनिफेस्टो में शामिल की हैं। इसलिए सभी संस्थाओं ने सोच विचार करते अब यह निर्णय लिया है कि 5 अक्टूबर को समस्त दलित समाज के लोग कांग्रेस पार्टी को अपना वोट देंगे ताकि हमारी सभी मांगों को हरियाणा में बनने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार से लागू करवाया जा सके।
कर्मवीर सिंह के मुताबिक कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी बार-बार दलित वंचित पिछड़े वर्ग समाज की आवाज को उठा रहे हैं l संपूर्ण भारत में जातिगत जनगणना करवाने की मांग कर रहें हैं l दलित एवम् पिछड़े समाज की हर क्षेत्र में उनकी जनसंख्या के आधार पर बनती हिस्सेदारी दिलवाने/ सुनिश्चित करने की बात कर रहें हैं जो आज तक किसी ने नहीं की। जगह जगह पर संविधान सम्मान सम्मेलन का आयोजन करके संविधान को बचाने की बात कर रहे हैं l कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की नजरों में बहन कुमारी शैलजा और भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का लगभग एक जैसा ही रुतबा है l जिस तरह से 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान समस्त दलित एवं पिछड़ा समाज ने एकजुट होकर कांग्रेस पार्टी को एकमुश्त वोट दिया था और बीजेपी को पूर्ण बहुमत हासिल करने से रोक दिया था l इसी के परिणाम स्वरूप उसकी संविधान बदलने के मंशा को नाकाम कर दिया था l अबकी बार हमने किसी अन्य राजनीतिक पार्टी के बहकावे में नहीं आना, किसी भी तरह के लोभ, लालच, झूठे वायदों के बहकावे में नहीं आना और अपना कीमती वोट बिल्कुल भी खराब नहीं करना l बाबा साहब द्वारा दिए गए वोट के अधिकार की कीमत को समझना है l यदि हम किसी अन्य राजनैतिक पार्टी को अपना वोट देते हैं तो हमारा वोट बैंक बंट जाएगा जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा और दलित विरोधी बीजेपी पार्टी फिर से अपने मकसद में कामयाब हो जाएगी l इसलिए दलित समाज की सभी सामाजिक संस्थाओं का आपसे अनुरोध है कि जिस प्रकार हमने लोकसभा चुनाव में एकजुटता के साथ एक मुस्त कांग्रेस पार्टी को अपना वोट दिया था ठीक उसी प्रकार अब भी आने वाली 5 अक्टूबर 2024 को हरियाणा में सभी दलित समाज विशेष कर चमार जाति के लोगों ने अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए अपना कीमती वोट कांग्रेस पार्टी को ही देना है ताकि हम अपनी मांगों को कांग्रेस पार्टी की सरकार के ऊपर दवाब डालकर लागू करवा सके और अपने हक अधिकारों को सुरक्षित रख सकें l