चंडीगढ़ 31 अगसत आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा प्रसतुति– खुशबीर कौर भारतीय खेल जगत में एक ऐसा नाम है, जिसने वॉक रेसिंग में अपनी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प से देश को गर्व का अनुभव कराया है। उनका जन्म 9 जुलाई 1993 को पंजाब के अमृतसर जिले के रई गांव में हुआ। साधारण परिवार से आने वाली खुशबीर की जिंदगी चुनौतियों से भरी रही, लेकिन उन्होंने हर मुश्किल को पार कर सफलता की कहानी लिखी।
खुशबीर के पिता, बलदेव सिंह, जो एक किसान थे, का 2008 में गंभीर बीमारी के चलते निधन हो गया। इस घटना ने परिवार पर आर्थिक बोझ डाल दिया, लेकिन उनकी मां, जसवीर कौर, ने हिम्मत नहीं हारी। जसवीर कौर ने अपनी बेटी के सपनों को पंख देने के लिए कड़ी मेहनत की और हर तरह की मुश्किलों का सामना किया। यही मां का समर्पण और संघर्ष खुशबीर की सफलता का आधार बना।
खुशबीर कौर ने वॉक रेसिंग में अपनी यात्रा शुरू की और जल्द ही अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा से पहचान बनाई। 2014 के एशियाई खेलों में उन्होंने 20 किलोमीटर वॉक रेस में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह पदक भारत के लिए खास था, क्योंकि खुशबीर कौर इस श्रेणी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनीं। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें पूरे देश में सम्मान और प्रशंसा दिलाई।
खुशबीर की सफलता सिर्फ उनकी व्यक्तिगत मेहनत का नतीजा नहीं थी, बल्कि उनकी मां के संघर्ष और समर्थन की भी कहानी है। उनका जीवन संघर्ष, धैर्य और परिवार के साथ का प्रतीक है। खुशबीर कौर ने न केवल अपने खेल में शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि वे उन सभी के लिए प्रेरणा बनीं, जो जीवन में बड़े सपने देखते हैं और उन्हें हासिल करने के लिए मेहनत करते हैं।