तभी तो नेमप्लेट जरूरी है सुप्रीम कोर्ट जी,,,

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गाजियाबाद 23 जुलाई दिलीप शुक्ला प्रस्तुति— सनातनियों को काफिर कहने वाले कट्टर काफ़िर हिंदुओं की सबसे पूज्यनीय गौ माता को तड़पा कर तरसा कर वध करते हैं। लेकिन फिर भी यही गौ माता इस काफिर कौम का कैसे जीवनयापन का सशक्त माध्यम है सर्व विदित है।

पर दुकान ठेला रेहड़ी फड़ी पर तो नेमप्लेट जरूरी है ! धोखेबाज मोहम्मद नौशाद पकड़ा गया! हिन्दू बनकर नंदी महाराज के साथ घूमकर भिक्षा मांगता था। सावन के पहले सोमवार को नाम बदलकर भीख मांगता पकड़ा गया मोहम्मद नौशाद। जब लोगों ने तलाशी ली तो पता चला कि ये मुसलमान है। सच्चाई सामने आते ही हाथ जोड़कर माफी मांगने लगा नौशाद। मामला मेरठ के सूरजकुंड का बताया जा रहा है। उत्तराखंड और हिमाचल के भोले भाले लोगों को गुमराह करते हुए ठगते हैं। गुमराह करते हैं। खुलेआम ओछी हरकतें करते देखे गए हैं। अगर हिंदू काफिर कौम है तो फिर क्यों सनातनियों की गाय माता को पालते हुए अपने दर्जनों बच्चों के पेट पालने में लगे हुए हैं। गंदगी फैलाने में हिंसा करने अनुशासन शिष्टता को कुचलने से परहेज़ नहीं करते हैं। अधिकतर मुसलमान खुद इनका विरोध तक करते हैं। और मुस्लिम लोगों को काफिर हिंसक और फरेबी मक्कार धोखेबाज मानते हैं। ऐसे नीच हीन कामों में मशगूल मुस्लिमों को देश से बाहर निकल जाना चाहिए।

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