परेशान, हताश और गुस्साए ग्रामीणों ने 2 घंटे हंगामा काटा

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जैसलमेर ; 11 दिसम्बर ; चनदरभान सोलंकी /अल्फ़ा न्यूज़ इंडिया ;—–नोटबन्दी के चलते एक हजार व् पांच सौ रूपये के नोट बंद होने के एक माह बाद भी ग्रामीण क्षेत्र की बैंके कैशलेस 
फलसूंड बैंक में रूपये अभी तक भी नहीं  होने से परेशान, हताश और गुस्साए ग्रामीणों ने 2 घंटे हंगामा  करके सिर्फ मन की भड़ास निकाली ! परिणामस्वरूप क्या कुछ हासिल हुआ;कुछ भी तो नहीं !  किसी के कान  पर जूं  तक न रेंगी ! गांववासी सवेरे से साँझ ढले तक अपनी बारी की लम्बी लम्बी लाइनों में लगकर रोजमर्रा का दिहाड़ी और घरुलु कार्य तजकर के प्रतीक्षा करते हैं पर उनको दो टक्के सा जवाब “नो कैश /कैश ही नहीं रहा” देकर निराश व् खाली  हाथ घर लौटाया जाता है ! अनेकों लोगों के मुताबिक घर में अन्न  तक नहीं होने से भूखो मरने की नौबत तक ढहलीज पर दस्तक दे रही है ! जनता ने कभी सपने में भी परिवार की ऐसी दयनीय हालत होने की नहीं सोची थी ! कई लोग तो सर पीटते हुए सुने जाते हैं कसूरवार हम ही हैं  जिन्होंने सत्ता कांग्रेस के हाथ से छीन कर कांग्रेस ही नहीं बल्कि देश की गरीब वोटर जनता के खिलाफ रहने वाली जनसंघ प्रिय भारतीय जनता पार्टी के हाथों थमा दी है ! उक्त कस्बे के एसबीबीजे में शुक्रवार को भी रुपए नहीं  मिलने के कारण उपभोक्ताओं द्वारा विरोध स्वरूप रोष प्रदशर्न किया गया था ! वहीँ, बैंक में उपभोक्ताओं को रुपए न  देने के कारण उपभोक्ताओं ने शुक्रवार को बैंक के आगे विरोध प्रदशर्न किया और जनविरोधी सरकार के खिलाफ व् सरकारी मशीनरी के भेदभाव भरे व्यवहार के खिलाफ नारेवाजी की  ! वहीँ, बैंक कर्मियो से लेकर सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात पुलिसकर्मियों तक के व्यवहार में परिस्थितियों के मुताबिक ही  बदलाव देखा जा रहा है ! जनता का आक्रोश वाजिब बनना स्वाभविक है ! और मात्र एक या दो हजार रुपए के नोट के लिए अनेकों लोगो को जहाँ घंटो लाइनों में लगना पड़ रहा है, वही अनेकों प्रभावशाली लोगों को बिना लाइन में खड़े रहकर भी हाथो हाथ कैश काउंटर पर भुगतान किया जा रहा है ! ऐसी अव्यवस्था प्रशासन और पुलिस तन्त्र से भी छुपी नहीं है ! पर अज्ञात कारणों से सब अगले बगले झांकते हुए अपने पदों के दुरूपयोग में मशगूल हैं ! 

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