भारत को बेसलान मत बनने दो जाग जाओ काफिर बन जाओ – एक मुस्लिम नागरिक

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मुम्बई 17 जुलाई अरुण कौशिक प्रस्तुति —-ये दुनिया का सब से बड़ा दिल दहलाने वाला बच्चों को सेक्शुअल नरसंहार था जो इतना दर्दनाक था की पूरी दुनिया दरिंदे मुसलमानो के द्वारा किए गये इस कृत्य पर सन्न रह गयी.. भारत तक ही नही पूरी दुनिया के न्यूज़ में इस नरसंहार की कहानी पूरी नही आने दी गयी ..
बेसलान के एक बच्चों के स्कूल में अचानक मुस्लिम हमलावरों ने इतिहास का सब से घिनौना हमला बोला ..वो लोग अंदर घुस गये .. इस हमले में जो मुसलमानो ने किया वो आज तक किसी मीडीया ने बोलने की हिम्मत नही दिखाई.. अंदर घुसते ही जो भी स्कूल के अंदर पुरुष थे उनको तुरंत ही मार दिया गया ताकि किसी तरह के प्रतिरोध की संभावना ना रहे..
इसके बाद जैसे ही इनकी नज़रें डरी हुई और बेसहारे स्कूल की छोटी बच्चियों पर गयीं .. इनकी आँखों मे वासना उभर उठी ..इनके अंदर का शैतान जाग उठा ..
बेसलान स्पष्ट रूप से एक यौन हत्या थी. मुसलमान इस स्कूल में आतंकवाद से भी ज़्यादा की दरिंदगी दिखना चाहते थे ..
अल्लाह बंदे सेक्स हत्यारों ने अब सभी छोटी छोटी बच्चियों की तरफ देखा .. उन सबको अंदर बने एक जिम हॉल में ले गये ..
इसके बाद छोटी छोटी बच्चियों की चीखती आवाज़ें इनके ज़ुल्म के आगे दब कर रह गयी …अपने ही सारे दोस्तों के सामने अपमानित होती रही …
बारी बारी से ३ साल ५ साल की एक एक बच्ची के साथ कई कई मुसलमानो ने बलात्कार किया गया.. ना सिर्फ़ मुस्लिम हैवानों ने बलात्कार किया बल्कि बच्चों के गुप्तांगों में अपने बंदूकों और अन्य वस्तुओं को … ****####@@@
दूसरे सारे बंधक बच्चों को ये सब देखने को मजबूर किया गया .. और आतंकवादी हंस रहे थे..
जितना बच्चों के गुप्तांगों से खून निकलता .. मुसलमान उतनी ही ज़ोर से हंसते ..
बहुत सारी छोटी छोटी बच्ची ज़्यादा ब्लीडिंग की वजह से वहीं उसी वक़्त मर गयी .. रेप करने के दौरान दरिंदे वीडियो शूट भी कर रहे थे… खून से फर्श लाल हो गयी थी
लड़कियाँ इस रेप में और हथियार के गुप्तांगों में डालने के वजह से खून से सन गयीं.. जिस्म से इतना खून निकला की तत्काल चिकित्सा नही होने की वजह से वहीं चीखती चिल्लती मासूमों ने दम तोड़ दिया ..
लेकिन इन सब के बाद भी मुसलमानो का दिल सिर्फ़ रेप से और हत्या से नही भरा था .. सारे मुसलमानो ने छोटे छोटे बच्चों को पीटना शुरू किया .. बुरी तरह पीटा ..
वास्तव मे पिटाई तो वो शुरू से ले कर अंत तक करते रहे .. इस दौरान मुसलमान खुश होते.. हंसते ..
आतंकवादियों ने बच्चों को खूब लहू लुहान किया… और खूब ठहाके लगाए .. जैसे जैसे समय बीता .. मुसलमानो के ज़ुल्म और बढ़ते गये.. जब बच्चों ने प्यास के मारे पानी माँगा तो वो लोग हँसे … मज़ाक उड़ा रहे थे…
उस दिन मौसम भी अजीब था बाहर जबरदस्त गर्मी थी और अंदर के उस हॉल में एयर कंडीशनर भी काम नही कर रहा था..बच्चे प्यास से तड़प रहे थे .. पानी माँग रहे थे
पीड़ित बच्चों के हालत और बुरे उस वक़्त हो गये जब उन दरिंदों ने बच्चों को अपना पेशाब पीने पर मजबूर किया .. कुछ मामलों में तो बंधकों के उपर ही पेशाब किया ..
आतंकवादियों ने एक गेम खेला.. बच्चों के सामने जो बहुत ही ज़्यादा प्यासे थे .. उनके सामने पानी के बर्तन को रख दिया और कहा जो इसको पीने आएगा उसको मैं गोली मार दूँगा ..
जब बच्चों ने पुछा की क्या वो रेस्ट रूम मे जा कर पानी पी सकते हैं तो उस मे से एक आतंकी मुस्लिम ने कहा कि .. हम तुम्हारे अंकल नही बल्कि जिहादी हैं और तुम्हे मारने आए हैं.. इसके बाद बच्चों को मे अपनी मौत का ख़ौफ़ समा गया … अपने आपको ज़िंदा बच पाने की उम्मीद ख़त्म हो गयी.. बच्चे डर कर चिल्ला भी नही पा रहे थे क्यूँ की ऐसा करने पर उनको मारा जाता पीटा जाता…बच्चों को लगा अगर वो चिल्लाएँगे तो ये लोग उनको गोली मार देंगे
अब तक स्कूल के बाहर भीड़ लग चुकी थी…आतंकी अंदर से खड़े हो कर नगरवासियों पर कॉमेंट करते… अंडे फेंकते… हंसते.. और ये सब रात तक चलता रहा … बच्चों के उपर इनकी क्रूरता जारी रही .. रात को इन्होने बच्चों को ही कहा की वो नंगे बलात्कार किए हुए मर चुके बच्चों की लाशों को उठा कर के पीछे फेंक कर आयें
इस बीच रशियन सैनिकों ने स्कूल को घेर लिया था.. .समझौते की कोशिशें जारी थी .. सैनिकों ने आतंकवादियों से खाना खाने के लिए फुड देने की बात की पर आतंकियों ने इनकार कर दिया .. क्यूँ कि उन्हे उसमे ज़हर होने का डर था
इस बीच रूस की सब से अच्छी फोर्स Alpha and Vympel (Russia Special forces) आ चुकी थी ..
आतंकियों ने साफ कर दिया था की अगर गैस का इस्तेमाल हुआ आ बिजली काटी गयी तो वो तुरंत बच्चों को मार देंगे ..
आतंकवादी इन फोर्स के पहले की सारी काररवाई की छानबीन कर ली थी .. उन्होने थकान और नींद भगाने वाली दवाई amphetamines लाए थे ..
रूसी विशेष बलों ने विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हुए स्कूल पर हमला कर दिया टैंक से .. बंदूक से … विस्फोट ए .. हर तरह से हमला किया गया . स्पेशल फोर्स के कमांडो भी जान पर खेल गये ..लेकिन उस अभागे दिन सिर्फ़ रक्तपात को छोड़ कर और कुछ हासिल नही हो पाया

३३० लोग मारे गये जिस मे से १८० छोटे छोटे मासूम बच्चे थे .. बच्चों को गोली मार दी गयी थी …१८ महीने के बच्चे तक को चाकू घोंप घोंप कर मारा गया था ..२४७ बच्चे जो गंभीर रूप से घायल थे उनको इलाज के तुरंत बाद मास्को सर्जरी के लिए भेजा गया … कई फोर्स के सैनिक भी मारे गये थे… ३ दिन तक बंधक बच्चों पर ये ज़ुल्म ढाते रहे थे….

अंत में चारो तरफ बच्चों की लाशों को देख कर उनके माँ बाप के चीख पुकार और रोने की आवाज़ से पूरा इलाक़ा दहल उठा.. जो बच्चे स्कूल से निकल रहे थे सब खून से सने हुए थे.. लाशों के ढेर लगे थे … इस्लाम ने सबकी खुशियाँ छीन ली…
भारत के लोगों अगर अपने नन्हे नन्हे बच्चों से भी तुम्हे प्यार है तो सेकूलरिस्म त्याग दो वरना … अपने बच्चों के बलात्कार और हत्या के ज़िम्मेदार तुम होगे ..
this is the proof if someone wants it
http://en.wikipedia.org/wiki/

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