कर्मचारियों की सरकार से मुख्य मांगे यह है कि सामान काम- सामान वेतन लागू किया जाए। कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए। छठे वेतन आयोग की वेतन विसंगतिया दूर कर सातवां वेतन लागू किया जाए। कैशलेस मेडिकल सुविधा लागू की जाए। ठेकेदारी प्रथा पर रोक लगाई जाए। ईपीएफ की ब्याज दर को न घटाया। बिजली विभाग, स्वास्थय विभाग, परिवहन, पशुपालन, जनस्वास्थ्य अन्य विभाग के कर्मचारियों को जोखिम भत्ता दिया जाए। आगनवाड़ी , आशा वर्कर मिड डे मील के कर्मचारियों की 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिश लागू की जाए। नए परिवहन नीति रद्द की जाए तथा बिजली बोर्ड के घाटे की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। कर्मचारी ट्रेड यूनियनों पर आंदोलन के दौरान सभी प्रकार उत्पीडन की कार्यवाही वापिस ली जाए। कर्मचारियों ने बिजलीघर से सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते लघुसचिवालय में पहुंचे। जहां शांतिपूर्वक डीसी एनके सोलंकी को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर फफीर चंद सैनी, दलीप सिंह, विजय जांगड़ा, मनोज यादव, कर्मचंद सरदाना, कुलवंत सिंह भिंडर, रामलाल, धर्मपाल, बंशीलाल, गोपाल, कृष्ण बिश्रोई, सुरेंद्र मलिक सहित अन्य कर्मचारी शामिल थे।