चंडीगढ़ 16 जून आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा प्रस्तुति—
चंडीगढ संगीत नाटक अकादमी और हरियाणा कला परिषद के संयुक्त सहयोग से टैगोर थियेटर में चल रहे चार दिवसीय हरियाणवी संगीत नृत्य उत्सव के तीसरे दिन रविवार को सुगम संगीत संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अंबाला की सुप्रसिद्ध गायिका श्रीमती निधि नारंग ने अपने ग्रुप के साथ रागों पर आधारित पुराने फिल्मी गानों और नगमों को प्रस्तुत किया । इस अवसर पर उन्होंने सी मेरी आवाज ही मेरी पहचान है से शुरुआत की । इस मोड़ से, जरा सी आहट होती है तो, तेरी आंखों के सिवा इस दुनिया में रखा क्या है, मोड़ छल किए जा, पंख होते तो उड़ आती रे, रसिक बलमा, नाम गुम जाएगा, सुनो सजना, रुके रुके से कदम, इस मोड़ से जाते है हम, यह दिल तुम बिन कहीं लगता नही, मेरे मेहबूब न जा आज की रात न जा, पिया बांवरी, । इस अवसर पर चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष सुदेश शर्मा, संगीत नाटक अकादमी पुरुस्कृत हरविंदर सिंह, प्रोफेसर डॉक्टर पंकज माला, श्री आर डी कैले, श्री संदीप कालरा डीजीपी पंजाब पुलिस, सुप्रसिद्ध गजल गायक कंवर जगमोहन के साथ साथ अकादमी के उपाध्यक्ष विक्रांत सेठ जी बतौर अतिथि उपस्थित रहे।