रोजाना बिजली कट्स उपभोक्ताओं के अधिकार का हनन

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चंडीगढ़ 06 जून बीरबल शर्मा अनिल शारदा — चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम अपने शहर वासियों को मूलभूत सुविधाएं पर्याप्त और पूर्ण रूप से देने में नौसिखिया साबित हो रहा है। शहर के अधिकांश भागों में पीने का पानी स्वच्छ रूप से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। शहर वासियों को गंदा दूषित रोगाणु पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। शहर के अनेकों भागों में पीने का पानी की पर्याप्त व्यवस्था आज भी प्रशासन और निगम के लिए चुनौती बनी हुई है।

बात करें शहर में बिजली-पानी की सुचारू व्यवस्था की तो यहां भी प्रशासन और निगम पूर्णतया फेल हैं। शहर का तापमान जहां 47 डिग्री सेल्सियस दर्ज हो चुका है वहां बिजली की व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमराई हुई है। बिजली उपभोक्ता बिजली के बड़े-बड़े बिल भरने के बाद भी पर्याप्त बिजली प्राप्त करने को तड़प तड़पता रहता है। बिजली विभाग कब बिजली का कट लगा दे कोई नहीं जानता है। बीती रात आंधी और तूफन और कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हुई। आंधी तूफान के चलते बिजली कट स्वभाविकता है। लेकिन तूफान थम जाने के बाद बिजली कट निरंतर रखना समझ पर है। शहरवासी शुक्रगुजार हैं मलेरिया और सफाई विभाग के कि मच्छरों की किसी प्रकार की कमी नहीं है। रात भर लोग गर्मी में तड़पते रहे और घरों के बाहर मजबूरन त्राहि त्राहि करते हुए रात बिताई। पाश व वीआईपी एरिया में प्रशासन व नगर निगम मलेरिया सफाई विभाग पूर्णतया मुश्ताक रहते हैं। लेकिन दूसरे सेक्टरों व गांवों सहित कॉलोनियों बस्तियों में हालात बदतर हैं। पानी के बिलों के साथ घर का कूड़ा कचरा उठाने के पैसे नगद लिए जाते हैं। लेकिन उपभोक्ता फिर भी पूरी सुविधा से वंचित रह जाते हैं।

सरकार बिजली पानी का बिल लेने के बाद उपभोक्ताओं को इस प्रकार की असुविधा बेहद तकलीफ देती है क्या यह सुधार नहीं हो सकता है या हर चीज के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना जरूरी हो चुका है।

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