चंडीगढ़-30 मई -आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा प्रस्तुति— इंगलिश मीडियम निरंकारी सन्त समागमसत्गुरू के वचनों पर चलने से दैवीय गुण जीवन में स्वयंमेव ही आ जाते हैंचण्डीगढ़ 30 मई ; दैवीय गुण व्यक्ति के जीवन में स्वतः ही आ जाते हैं, यदि भक्त अपने सतगुरु के वचनों की पालना यथावत करता है। यह विचार प्रचारक श्री अनिल दीमरी ने संत निरंकारी सत्संग भवन सैक्टर 30 ए चण्डीगढ़ में आयोजित इंगलिश मीडियम निरंकारी सन्त समागम में उपस्थित सैकड़ों युवाओं व साधसंगत को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस कार्यक्रम में युवाओं ने पांच प्रण की ओर ध्यान आकर्षित किया तथा एक लघु नाटिका के माध्यम से अपने विचार बताए। जिसमें उन्होंने कहा कि यदि हम यह सिद्धांत अपना लें कि तन, मन व धन सब मेरा नहीं, बल्कि परमात्मा की दी हुई अमानत है, तो हमारे जीवन में हर समय शांति (सुकून) बनी रहेगी। इसी प्रकार यदि हम अपनी जाति, पंथ, धर्म का अभिमान न करें, तो पूरा विश्व एक परिवार अर्थात सारा संसार, एक परिवार के रूप में रह सकता है। यह सभी दैवी गुण मानव के जीवन में तभी आ सकते है जब इंसान इस प्रभु परमात्मा को जान लेता है और ये ही इंसान के मानव जीवन का असली उद्देश्य है। और उन्होने कहा कि यह कार्य आज के युग में सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज निरंकार प्रभु परमात्मा का दिदार (दर्शन) करवाकर कर रहे हैं। इस समागम में अन्य अनेक युवाओं ने भी गीत, कविता, भाषण के माध्यम से अपने विचार अंग्रेजी में व्यक्त किए। इस समागम में जोनल इंचार्ज श्री ओ.पी. निरंकारी भी उपस्थित थे। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अंग्रेजी एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा है, इसलिए परम पूज्य सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के निर्देशानुसार यहां अंग्रेजी माध्यम में समागम का आयोजन किया गया है ताकि सच की आवाज़ को जन जन तक पहुंचाया जा सके। इससे पूर्व संयोजक श्री नवनीत पाठक ने इस समागम में आए जोनल इंचार्ज, सभी एरिया के मुखी व साधसंगत और भाग लेने वाले युवाओं का भी आभार व्यक्त किया।