पंचकूला-30/5/24–अल्फा न्यूज़ इंडिया प्रस्तुति —-आखरी फेज में वोट डालने से पहले हर एक नागरिक यह पढ़ कर सोच कर वोट करे।*कोई किसी को कुछ नही देता। हर कोई अपने भाग्य का खाता है। यह बात हर गरीब को समझने की जरूरत है और 5 किलो अनाज के बदले वोट देने की जरूरत नहीं होती है। गरीबों पर कोई एहसान नहीं किया बस सरकारी पैसा जो जनता का ही पैसा है उससे यह दिया है। आपकी वोट पहली बात तो इतनी बिकाऊ नहीं है। यह वोट आपने अपने लिए,अपने परिवार के लिए और देश के लोगों की भलाई के लिए देनी है।और दूसरी बात यह की अगर दूसरी पार्टियां गरीब लोगों को और आम जनता को कोई बड़ा फायदा देने का कहती हैं जैसे 10 किलो अनाज,1 लाख रुपए हर साल गरीब महिलाओं के खाते में, ज्यादा बिजली फ्री, ज्यादा पानी फ्री इत्यादि तो वो भी सरकारी पैसों से ही लोगों को फायदा देंगी।तो वोट किसको देनी चाहिए यह हर एक ने सोचना है।नौजवानों को ट्रेनिंग देंगी ताकि अच्छी नौकरी मिले। महिलाओं की सुरक्षा पर खर्च।यह सब भी लोगों को फायदा दिया जाएगा सरकारी पैसों से ही। वोट किसको देनी है यह हर एक गरीब ने और आम जनता ने सोचना है।हर एक गरीब की वोट 5 किलो अनाज के बराबर नही है।हर एक किसान की वोट 6000 रुपए साल के बराबर नही है।हर महिला की वोट भी एक गैस सिलेंडर देने के बाद इसको भरवा ही नही पाए उसके बराबर नही है।वोट किसको देनी है यह आपने सोचना है। बदलाव वो भी 10 सालों के बाद अच्छे के लिए करने में ही समझदारी है । जैसे आजादी के बाद से लेकर दस साल वाली सरकार के शुरुआत से पहले के समय की सरकार ने गरीबों को मिटाकर गरीबी हटाओ के नाम पर राजनीति की और खूब की। वही दंश देश की जनता आज भी झेल रही है। और फ्री पानी बिजली वाली सरकार और आटा दाल चीनी चावल वाली सरकार ने भूखे तो खैर किसी को भी मरने नहीं दिया पर क्या जीवन भर सरकारी दया के ही पात्र बने रहोगे।। सोचो विचारो बदलाव करें जरूर पर जो धर्म देश की एकता अखंडता संप्रभुता पर दुनिया भर में देश का सीना चौड़ा करें। ताकि कदम कदम पर अपमानित होना पड़े।।