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चंडीगढ़ आरके विक्रमा शर्मा प्रस्तुति–*नौतपा ( 25 मई से 2 जून 2024 तक ) चल रहा है। आजकल की पीढ़ी को तो इसका अर्थ महत्व उद्धव कुछ भी ना मालूम है।

गर न तपे तो क्या होता है…?**दो मूसा, दो कातरा, दो तीड़ी, दो ताय।**दो की बादी जळ हरै, दो विश्वर दो वाय।।**अर्थ:- नौतपा के पहले दो दिन लू न चली तो चूहे बहुत हो जाएंगे। अगले दो दिन
न चली तो कातरा ( फसल को नुकसान पहुंचाने वाला कीट ) बहुत हो जाएंगे। तीसरे दिन से दो दिन लू
नही चली तो टिड्डियों के अंडे नष्ट नहीं होंगे। चौथे दिन से दो दिन नहीं
तपा तो बुखार लाने वाले जीवाणु नहीं मरेंगे। इसके बाद दो दिन
लू न चली तो विश्वर यानी सांप-बिच्छू नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे। आखिरी दो दिन भी लू
नहीं चली तो आंधियां अधिक चलेंगी। फसलें चौपट कर देंगी।**इसलिए “लू”
से भयभीत न हो, स्वस्थ रहें,मस्त रहें,जीवन में धर्म कार्य में व्यस्त रहें
*भगवान ने प्राकृतिक स्तर पर भौतिक जगत की संरचना बहुत ही सोच समझकर कर रखी है जिससे किसी को भी परस्पर एक-दूसरे से भयभीत होकर ज़ीने की आवश्यकता नहीं है।।