चंडीगढ़ 25 मई- हरीश शर्मा/बीरबल शर्मा/अश्वनी शर्मा —–चंडीगढ़ कंज्यूमर कोर्ट ने एटीएस इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड उपभोक्ता संजय कक्कड़ पुत्र स्वर्गीय सतीश सी कक्कड़ वासी कोठी नंबर 1036 सेक्टर 27 चंडीगढ़ अब नया पता 157 सेक्टर 35ऐ चंडीगढ़ को प्रिंसिपल अमाउंट और प्रतिवर्ष 10% ब्याज सहित 90 दिनों के अन्दर धनराशि वापस करने वाले आदेश जारी किए हैं। संजय कक्कड़ एचडीएफसी बैंक के ऑफिशयल हैं। उन्होंने एटीएस इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड में एक शानदार घर खरीदने के लिए तकरीबन 47.75000/ रुपए का सौदा तय किया था। संजय कक्कड़ ने डेराबस्सी स्थित एटीएस गोल्फ मीडो लाइफस्टाइल में फ्लैट नंबर 10123 टाइप बी टावर नंबर टेन फ्लैट खरीदने के लिए 5 अक्टूबर 2016 को 2363612/-जमा करवाए थे। एग्रीमेंट मुताबिक मेंटेनेंस व पावर बेकअप चार्जेज और एक कार पार्किंग की सुविधा निर्धारित था। उक्त एग्रीमेंट की क्लोज 14 मुताबिक कंपनी ने 42 महीने में यह मकान तैयार करके उपभोक्ता संजय कक्कड़ को सुपुर्द करना था। समय अवधि लेट होने के चलते 6 महीने का अतिरिक्त समय तय किया गया था। लेकिन एटीएस इस्टेट उपभोक्ता संजय कक्कड़ पुत्र सतीश कक्कड़ को 7 साल से भी अधिक समय व्यतीत होने पर भी मकान का निर्मित पजेशन देने में नाकाम रहे। अपने सर पर अपनी छत का सपना संजोए लाखों रुपए कंपनी को देने वाले उपभोक्ता संजय कक्कड़ ने आखिर डिस्टिक कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल फॉर्म 2 चंडीगढ़ में मामला दर्ज करवाया। उक्त कोर्ट ने पूरे मामले में कंप्लेनेंट संजय कक्कड़ को बिल्कुल तर्क और तथ्य के आधार पर लाचार और असमर्थ पाते हुए एटीएस इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को 90 डेज में जमा धनराशि और 10% प्रतिवर्षके हिसाब से रकम तत्काल प्रभाव से लौटाने के आदेश जारी किए। उपभोक्ता को यह भी डर सता रहा है कि कंज्यूमर कोर्ट के आदेशों को लापरवाही से लेते हुए दोषी करार एटीएस इस्टेट कंपनी उन्हें भुगतान किस्तों में देने केलिए लिए आमुक दवाब डलवा कर मजबूर ना करें। बताते चलें कि उक्त कंपनी के विरुद्ध पहले भी अनेकों ठगबाजी के अनेकों मामले सामने आ चुके हैं। कंपनी की ब्रांड इमेज बिल्कुल डिस्ट्रॉय हो चुकी है। लोगों का इस कंपनी पर से भरोसा उठ चुका है। अनेकों उपभोक्ता अब अपना मन बना चुके हैं कि वह अपना जमा करवाया हुआ तमाम अमाउंट वापस चाहते हैं वह भी ब्याज समेत लेंगे। अब उन्हें किसी भी सूरते हाल उक्त कंपनी एटीएस इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड में किसी प्रकार की इन्वेस्टमेंट करना नहीं चाहते हैं।