चंडीगढ़+बठिंडा:- 16 मई:- आरके विक्रमा शर्मा/ अनिल शारदा+ बीरबल शर्मा:–+हररायपुर गौशाला में मर रही गायों के विवाद को लेकर गौ सेवा आयोग के चैयरमैन अशोक कुमार सिंगला हररायपुर गौशाला पहुंचे। जहां बठिंडा के सामाजिक कार्यकर्ता भी गौवंश की स्थिति लेकर उनके पास पहुंचे। जहां हररायपुर गौशाला सुधार समिति ने गायों की मौजूदा संख्या को रिपोर्ट बताते हुए घोटाले की आशंका जताई और तत्काल गिनती कराने का अनुरोध किया। गौ आयोग के चेयरमैन को गौवंश की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। जहां आयोग के चेयरमैन ने तुरंत समाजसेवियों को साथ लेकर नगर निगम के अधिकारियों को गौ वंश की गिनती करने की जिम्मेदारी सौंपी। वहीं स्थिति को सुधारने के लिए डिप्टी कमिश्नर बठिंडा से मिलने पहुंचे। लेकिन चेयरमैन के जाते ही नगर निगम के अधिकारी बिना गिनती किए ही चले गए।जहां संगठनों ने अधिकारियों से गिनती न कराने का कारण पूछा तो नगर निगम अधिकारियों ने कहा कि कमिश्नर द्वारा काउंटिंग न करने का आदेश दिया गया है। संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने बताया कि नगर निगम की 19 अप्रैल 2024 की रिपोर्ट के अनुसार गौशाला में 987 गायें थीं. और निगम की रिपोर्ट के अनुसार आज भी 935 गौवंश मौजूद हैं। जब संस्थाओं ने खुद ही सब शेडों की अकेले अकेले गिनती की तो एक और घोटाला सामने आया। जबकि गौशाला में करीब 766 गायें ही हैं। यानी प्रतिदिन करीब 200 गायों का आहार खर्च अधिक लेने के लिए नगर निगम अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी रिपोर्ट भेजी जा रही है. मौजूदा गायों को भी अच्छा आहार नहीं मिल पा रहा है। जिससे गौवंश तड़प-तड़प कर मर रहा है। जिसका जिला प्रशासन दोषी है। जिससे एक बड़े घोटाले का खुलासा होता है। सुधार समिति ने कहा कि अगर गोवंश में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें मजबूरन संघर्ष का तीखा रास्ता अपनाना पड़ेगा।