चंडीगढ़:15 मई:- आरके विक्रमा शर्मा /अनिल शारदा:–लोकसभा चुनाव में चंडीगढ़ की एकलौती संसदीय सीट के लिए पहली जून को मतदान होगा। इसी को लेकर पहले बदलने की मुहिम भी जोरों पर चल रही है अपने-अपने निजी स्वार्थ को सामने रखकर खुद को नेता जनसेवक कहने वाले लोग बरसाती मेंढक की तरह यहां से वहां छलांगें लगा रहे हैं। पुरानी पार्टी में सम्मान और सामान की कमी के चलते नयी पार्टी में शामिल होना जारी है।और अब लोकसभा चुनाव-2024 के बीच चंडीगढ़ में कांग्रेस को बहुत बड़ा झटका लगा है। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और शहर के दो बार मेयर रहे सुभाष चावला अब कांग्रेस आई को अलविदा कहकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
चावला ने कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए बीजेपी ज्वाइन कर ली। बीजेपी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जतिंदर मल्होत्रा और लोकसभा उम्मीदवार एडवोकेट संजय टंडन ने सुभाष चावला की बीजेपी में जॉइनिंग कराई। चावला के साथ-साथ उनके समर्थकों ने भी बीजेपी का दामन थामा है।
फिलहाल सुभाष चावला का बीजेपी में आना पार्टी को लोकसभा चुनाव में फायदा ही फायदा पहुंचाएगा। चावला की राजनीति काफी सधी व पुरानी है। वह अनुभावी और मंझे हुए सियासतदां हैं। और लोगों के बीच उनकी अपनी खास पहुंच है। साथ ही चावला की छवि एक साफ-सुथरे बेदाग दार और शांत नेता की है।
सुभाष चावला चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे हैं। फरवरी 2021 में प्रदीप छाबड़ा को अध्यक्ष पद से हटाकर सुभाष चावला को ये पद कांग्रेस हाईकमान ने दिया था। हालांकि, सुभाष चावला ने अचानक 11 जून 2022 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
वहीं, सुभाष चावला के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को लेकर कई तरह के सवाल उठे थे। पार्टी में सुभाष चावला की नाराजगी की चर्चाएं चलीं। वहीं अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद चावला को कांग्रेस के लिए उतना सक्रिय नहीं देखा गया। जितना वह पहले सक्रिय रहे।
ऐसे में उनके कांग्रेस से दूरी बनाने और कांग्रेस छोड़ने की कई अटकलें बीच-बीच में जन्म लेती रहीं। वहीं अंत: चावला ने कांग्रेस से किनारा कर ही लिया। सुभाष चावला चंडीगढ़ प्रदेश यूथ कांग्रेस के भी अध्यक्ष रहे हैं।
सुभाष चावला चंडीगढ़ के दो बार निगम मेयर रहे हैं। चावला ने पहली बार 2003 और दूसरी बार 2023 में मेयर पद अपना कार्यकाल पूरा किया। चावला की गिनती चंडीगढ़ के बड़े और कामयाब ईमानदार नेताओं में की जाती है।