पुण्य कमाने की बजाय पाप के भागीदार तो नहीं रहे बन

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चंडीगढ़ आरके विक्रमा शर्मा बीरबल शर्मा प्रस्तुति:—-
इस कबूतर की दोनों आँखे खराब हो जाने के कारण ये अब देख नहीं सकता। इसके अंधे होने का कारण है इसे डाला गया “बाजरा”.
जी हाँ गर्मियों में पक्षियों के लिए खासकर कबूतरों के लिए बाजरा अत्यंत घातक है। बाजरा बहुत ही ज्यादा गर्म होता है जिसे खाने से कबूतरों के चेहरे पर मस्से निकलने शुरू हो जातें है, चेहरा गल जाता है और आँखें भी गल जाती है, अँधा होने के साथ-साथ कबूतर की चोंच मुड़ जाती है, मुंह अंदर से पक जाता है, खाना पीना बन्द करने के बाद कबूतर तड़प-तड़प कर मर जाता है। कई बार हम कबूतरों को “सतनाजा” भी डालते है मतलब सात तरह का मिक्स अनाज। जिसमे बाजरा भी होता है, लेकिन ध्यान रहे कि बाजरे के चन्द दाने गर्मी में कबूतर की दर्दनाक मौत का कारण बनतें है, जिसके लिए दाना डालने वाला भी अनजाने में इस पाप का भागीदार बन जाता है।

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