कुरुक्षेत्र : 18 फरवरी : राकेश शर्मा ; राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि ग्रामीण आंचल की बेटियों को उच्च शिक्षा देकर देश और प्रदेश की प्रगति में अहम योगदान दिया जा सकता हैं। गांव में सुख-चैन का जीवन और माहौल केवल मात्र शिक्षा के जरिए से ही बनाया जा सकता हैं। जब गंाव में अमन चैन होगा तभी अच्छा सुशासन माना जा सकता हैं। इसलिए राज्य सरकार गांवों और शहरों में सुशासन स्थापित करने के लिए बेटियों को उच्च शिक्षा घर के पास ही देने का काम कर रही हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने अभी हाल में ही 13 जिलों में 22 राजकीय महिला महाविद्यालय को शुुरु करने की योजना को अमलीजामा पहनाया हैं।राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी शनिवार को एसएनआरएल श्रीजयराम गल्र्स कालेज लौहार माजरा के सभागार में जयराम शिक्षण संस्थान की तरफ से आयोजित दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। इससे पहले राज्यापाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी, श्रीजयराम शिक्षण संस्थान के चेयरमैन ब्रहमस्वरुप ब्रहमचारी, संस्थान के वाईस चेयरमैन टीके शर्मा, सचिव नाथी राम गुप्ता, ओमप्रकाश गोयल, श्रवण कुमार गुप्ता, निदेशक एसएन गुप्ता, कालेज की प्राचार्या डा. शीला बठला ने दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रुप से दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया और संस्थान के चेयरमैन ब्रहमस्वरुप ब्रहमचारी ने प्राचार्या के अनुरोध करने पर विधिवत रुप से दीक्षांत समारोह में डिग्रियां वितरित करने की अनुमती दी। इस दीक्षांत समारेह में राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी व चेयरमैन ब्रहमस्वरुप ब्रहमचारी ने मेधावी छात्राओं को मैडल, प्रंशसा पत्र और कुछ छात्राओं को डिग्री देकर सम्मानित किया और शिक्षण संस्थान की स्मारिका का विमोचन भी किया। हालांकि कालेज की प्राचार्या डा. शीला बठला ने डिग्री कालेज की करीब 400 छात्राओं और बीएड कालेज की 100 छात्राओं को उनके स्थान पर ही डिग्रिया देने की अनुमती प्रदान की। इस अनुमती के बाद सम्बन्धित संकाय की शिक्षक ने छात्राओं को डिग्रियां दी।राज्यपाल ने सभी छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना करने के साथ-साथ बधाई देते हुए कहा कि जयराम शिक्षण संस्थान और सरकार के सपने तथा प्रयास तभी सार्थक होंगे जब सभी छात्राएं समाज में जाकर शिक्षा और संस्कारों को ओर आगे बढ़ाने का काम करेंगी। किसी भी राष्ट्र की पहचान युवा, उद्योग, सडक़, जलवायु की प्रगति का होना ही काफी नहीं है, सही मायने में जब समाज में अच्छे नागरिक, संस्कृति, संस्कार होंगे तभी राष्ट्र की पहचान पूरी दुनिया में होगी। इसलिए कहा जा सकता हैं कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षा का अहम योगदान हैं। शिक्षा के माध्यम से ही राष्ट्र की परम्परा, संस्कृति और इतिहास की जानकारी सम्भव हैं। अंग्रेजों ने देश को गुलाम करने के बाद हिन्दूस्तान के लोगों को अपनी संस्कृति में ढालने के लिए शिक्षा पर ही पूरा फोकस किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सैनानियों ने गुलामी की जंजीरों से निजात पाने के लिए बुनियादी शिक्षा और सर्वांगीण विकास पर ही ध्यान दिया।उन्होंने कहा कि भारत में अब भी कालेजों तक शिक्षा ग्रहण करने का आंकड़ा 11 प्रतिशत हैं, जबकि अमेरिका में यह दर 83 प्रतिशत हैं। उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले युवा ही देश की परम्परा और संस्कृति की रक्षा करने का काम कर रहे हैं। युवाओं को शिक्षा देने का मुख्य उदेश्य सरकार का हैं, लेकिन जयराम शिक्षण संस्थान जैसी संस्थाएं भी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बेटों और बेटियों को शिक्षित करने का काम कर रहें हैं, जो कि काबिले तारिफ हैं। प्रदेश की प्रगति में समाज की सहभागिता बहुत जरुरी हैं। उन्होंने कहा कि देश की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती हैं, इसलिए गांव के लोगों के विकास, शिक्षा, अमन-चैन की तरफ ध्यान देना बहुत जरुरी हैं। जब गंावों में यह सुविधाएं होंगी तभी अच्छा सुशासन माना जाएगा। जयराम विद्यापीठ संस्थान ने ग्रामीण आंचल की बेटियों को उच्च शिक्षा देने का जो संकल्प लिया हैं। इसकी जितनी प्रंशसा की जाए कम हैं। इस प्रकार की संस्थाओं के सहयोग से ही हरियाणा की बेटियां आज हर क्षेत्र में सबसे आगे हैं।चेयरमैन ब्रहमस्वरुप ब्रहमचारी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि समाज के उत्थान के लिए शिक्षा बहुत जरुरी हैं। संस्थान ने बेटियों को शिक्षित करने का संकल्प लिया हैं। उस संकल्प पर चलते हुए ग्रामीण आंचल की बेटियों को शिक्षित करने के लिए स्कूल से लेकर कालेज तक की शिक्षा मुहैया करवाई जा रही हैं। संस्थान की सेाच हैं कि बेटियों के सर्वांगीण विकास से ही देश और प्रदेश का विकास सम्भव हैं। बेटियां लौ की तरह हैं, इसलिए बेटियों को संस्कारवान बनाना जरुरी हैं। जब बेटियों का सम्मान होगा तो प्रदेश का सम्मान भी बढ़ेगा। कालेज की प्राचार्या डा. शीला बठला ने शिक्षण संस्थान के अंतर्गत चारों शिक्षण संस्थाओं की गतिविधियों और उपलब्धियों पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि 130 वर्षो से जयराम संस्था धार्मिक गतिविधियों के साथ-साथ शैक्षणिक गतिविधियों पर फोकस किए हुए हैं। लौहार माजरा गांव में ग्राम पंचायत के सहयोग से 26 एकड़ भूमि पर शिक्षण संस्थाएं चलाई जा रही है और इसे डिम्ड यूनिवर्सिटी बनाने का सपना हैं।शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष एसएन गुप्ता ने मेहमानों का स्वागत किया और कालेज ऑफ ऐजुकेशन की प्राचार्या डा. प्रतिभा ने आभार व्यक्त किया। इस मौके पर बच्चों ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुती भी दी। इस कार्यक्रम में उपायुक्त सुमेधा कटारिया, पुलिस अधीक्षक अभिषेक गर्ग, एडीसी धर्मवीर सिंह, एसडीएम पिहोवा अजय चोपड़ा, राजेश सिंगला, सुरेन्द्र गुप्ता, डा. नरेन्द्र पाल गुप्ता सहित अन्य अधिकारी और गणमान्य लोग मौजूद थे।