तुलसी की पहचान यह है गुणों की खान:- डॉ कैलाश शर्मा पाटोदा

Loading

चंडीगढ़/जयपुर:- 5 जनवरी 23:– आरके विक्रमा शर्मा+ एडवोकेट विनीता शर्मा प्रस्तुति:—-*आयुर्वेद के अनुसार जानिए तुलसी के पत्तों के 5 गजब के गुण*

 

1. तुलसी के पत्तों में एंटी ऑक्सीडेंट होते है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी कि इम्यून सिस्टम को मजजूब करते हैं।

 

2. यदि आपको सर्दी व फिर हल्का बुखार हो गया हो तो आप मिश्री, काली मिर्च और तुलसी के पत्ते को पानी में अच्छी तरह से पकाकर काढ़ा बना ले और फिर इसे पी ले। आप चाहें तो इस घोल को सुखाकर इसकी गोलियां बनाकर भी खा सकते हैं। इससे आपको सर्दी व हल्के बुखार में फायदा होगा।

 

3. यदि आपको दस्त हो गए हैं तो तुलसी के पत्तों को जीरे के साथ मिलाएं और पीस लें। अब इस मिश्रण को दिनभर में 3-4 बार चाटते रहें। ऐसा करने से आपको दस्त बंद होने में फायदा मिलेगा।

 

4. जिन लोगों को सांस की दुर्गंध की समस्या होती है उन्हें रोजाना सुबह उठकर तुलसी के कुछ पत्तों को मुंह में रखना चाहिए, ऐसा करने से सांस की दुर्गंध धीरे-धीरे कम होने लगेगी

 

5. यदि आपको कहीं चोट लग जाए तो आप तुलसी के पत्तों को फिटकरी के साथ मिलाकर, अपने घाव पर लगा सकते हैं, ऐसा करने से चोट व घाव जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी।

 

*तुलसी को हम कभी भी अनदेखा नहीं कर सकते और जीवन से निकाल भी नहीं सकते…*

 

*तुलसी मुख्यतः रूप से पांच प्रकार की पायी जाती है…*

1 *श्याम तुलसी,*

2 *राम तुलसी,*

3 *श्वेत/विष्णु तुलसी,*

4 *वन तुलसी और*

5 *नींबू तुलसी।*

 

*इन पांच प्रकार की तुलसी का अर्क निकाल कर पंचतुलसी का निर्माण किया जाता है।*

 

*तुलसी संसार की एक बेहतरीन*

*एंटी-ऑक्सीडेंट,*

*एंटी- बैक्टीरियल,*

*एंटी- वायरल,*

*एंटी- फ्लू,*

*एंटी-बायोटिक,*

*एंटी-इन्फ्लेमेन्ट्री व*

*एंटी–डिजीज है।*

 

*(1). पंच तुलसी अर्क के एक बून्द एक ग्लास पानी में या दो बून्द एक लीटर पानी में डाल कर पांच मिनट के बाद उस जल को पीना चाहिए। इससे पेयजल विष और रोगाणुओं से मुक्त होकर स्वास्थवर्धक पेय हो जाता है।*

 

*(2). पंच तुलसी अर्क 200 से अधिक रोगो में लाभदायक है जैसे कि फ्लू, स्वाइन फ्लू, डेंगू, जुखाम, खासी, प्लेग, मलेरिया, जोड़ो का दर्द, मोटापा, ब्लड प्रेशर, शुगर, एलर्जी, पेट के कीड़ो, हेपेटाइटिस, जलन, मूत्र सम्बन्धी रोग, गठिया, दमा, मरोड़, बवासीर, अतिसार, दाद, खाज, खुजली, सर दर्द, पायरिया, नकसीर, फेफड़ो सूजन, अल्सर, हार्ट ब्लोकेज आदि।*

 

*(3). पंच तुलसी एक बेहतरीन विष नाशक है और शरीर से विष (toxins) को बाहर निकालती है।*

 

*(4). पंच तुलसी स्मरण शक्ति को बढ़ाता है और साथ ही साथ शरीर के लाल रक्त सेल्स (Haemoglobin) को बढ़ने में अत्यंत सहायक है।*

 

*(5). पंच तुलसी भोजन के बाद एक बूँद सेवन करने से पेट सम्बन्धी बीमारियों मे बहुत काम लगाती है।*

 

*(6). पंच तुलसी के 4–5 बूँदे पीने से महिलाओ को गर्भावस्था में बार बार होने वाली उलटी के शिकायत ठीक हो जाती है।*

 

*(7). आग के जलने व किसी जहरीले कीड़े के कांटने से पंच तुलसी को लगाने से विशेष राहत मिलती है।*

 

*(8). दमा व खाँसी में पंच तुलसी अर्क की दो बुँदे थोड़े से अदरक के रस और शहद के साथ मिलाकर सुबह– दोपहर– शाम सेवन करे।*

 

*(9). यदि मुँह में से किसी प्रकार की दुर्गन्ध आती हो तो पंच तुलसी की एक बूँद मुँह में डाल ले दुर्गन्ध तुरंत दूर हो जाएगी।*

 

*(10). दांत का दर्द, दांत में कीड़ा लगना, मसूड़ों में खून आना आदि में पंचतुलसी की 4–5 बूँदे पानी में डालकर कुल्ला करने से तुरन्त आराम मिलता है।*

 

*(11). सर दर्द, बालो का झड़ना बाल सफ़ेद होना व सिकरी आदि समस्याओं में पंचतुलसी की 8–10 बूंदे हर्बल हेयर आयल के साथ मिलाकर सर, माथे तथा कनपटियों पर लगाये।*

 

*(12). पंच तुलसी के 8–10 बूँदे नारियल तेल में मिलाकर शरीर पर मलकर रात्रि में सोये , मच्छर नहीं काटेंगे।*

 

*(13). कूलर के पानी में पंचतुलसी की 8–10 बूँदे डालने से सारा घर विषाणु और रोगाणु से मुक्त हो जाता है तथा मक्खी, मच्छर भी घर से भाग जाते है।*

 

*(14). पंचतुलसी में सुन्दर और निरोग बनाने की शक्ति है। यह त्वचा का कायाकल्प कर देती है। यह शरीर के खून को साफ करके शरीर को चमकीला बनाती है।*

 

*(15). पंचतुलसी की दो बूँदे एलोवेरा जैल में मिलाकर चेहरे पर सुबह व रात को सोते समय लगाने पर त्वचा सुन्दर व कोमल हो जाती है तथा चेहरे से प्रत्येक प्रकार के काले धेरे, झाइयां, कील मुँहासे व झुरिया नष्ट हो जाती है।*

 

*(16). पंचतुलसी के नियमित उपयोग से कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होने लगता है, रक्त के थक्के जमने कम हो जाते है व हार्ट अटैक और कोलैस्ट्रोल की रोकथाम हो जाती है।*

 

*(17). पंचतुलसी को एलोवेरा जेल में मिला कर लगाने से प्रसव के बाद पेट पर बनने वाले लाइने (स्ट्रेच मार्क्स) दूर हो जाते है।*

 

 

*तुलसी सेवन का क्या है सही तरीका?*

 

आइए जानते हैं कुछ ऐसी बातें, जो तुलसी का सेवन करने से पहले हमें पता होनी चाहिए-(how to eat tulsi)

 

अधिकतर लोगों का सवाल होता है कि क्या सच में तुलसी के पत्तों में पारा होता है?

 

जी हां, यह बिलकुल सच है कि तुलसी के पत्तों में पारा यानी कि मर्करी पाया जाता है। इसलिए कहा जाता है कि तुलसी के पत्तों को चबाकर नहीं खाना चाहिए। यह हमारे दांतों को कमजोर बनाता है और खराब कर देता है।

यह सच है कि तुलसी के फायदे बहुत ज्यादा हैं। तुलसी का सेवन जरूर करें। लेकिन जब भी इसका सेवन करें तो इसके पत्ते को सीधे पानी के साथ निगल लें यानी इसे चबाकर नहीं खाएं। लगातार ज्यादा मात्रा में तुलसी का सेवन न करें, वरना यह कई बीमारियों का कारण बन सकती है।

 

कई लोग तुलसी के पत्ते को दूध वाली चाय में भी डालते हैं, लेकिन यह सेहत के लिहाज से बहुत नुकसानदायक है, क्योंकि तुलसी को कभी भी दूध के साथ नहीं लेना चाहिए। यह बहुत बुरा प्रभाव डालता है, वहीं दूध पीने के एक घंटे के बाद तक तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए। अत: तुलसी पूजन का सुख-समृद्धि में जितना धार्मिक महत्व माना जाता है, वहीं इसका औषधीय महत्व भी बहुत है। बस उसके सेवन करने का तरीका सही होना चाहिए।

 

*आज के अमृत वचन*

*” दवाई ” केवल दवाई की बोतलें और गोलियां ही नहीं होती हैं*

*कुछ ऐसी ” दवाएं ” भी होती हैं ! जिनके उपयोग से बीमारी ही नहीं हो सकती…*

 

*जैसे : -*

 

*01) कसरत exercise एक दवाई हैं !*

*02) सुबह सैर करना एक दवाई हैं !*

*03) व्रत रखना एक दवाई हैं !*

*04) परिवार के संग भोजन एक दवाई हैं !*

*05) हंसी मजाक एक दवाई हैं !*

*06) गहरी नींद एक दवाई हैं !*

*07) अपनों संग वक्त बिताना एक दवाई हैं !*

*08) हमेशा खुश रहना दवाई हैं !*

*09) कुछ मामलों में चुप्पी भी एक दवाई हैं !*

*10) सबको सहयोग करना एक दवाई हैं !*

*11) एक अच्छा दोस्त तो दवाई की दुकान हैं!*

 

*इन सबका अनुसरण कीजिए*

*न इसमें पैसा खर्च होता हैं !*

*न हीं इसके कोई साइड इफेक्ट होते हैं….*💐

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

132047

+

Visitors