चंडीगढ़:-08 दिसंबर:—अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:—
उम्र 40 पार है लेकिन
शक्ल हमारी पैंतीस के जैसी।
मुझको uncle कहने वालो,
तुम्हारी ऐसी की तैसी।।।
बेटी के कॉलेज गया तो,
टीचर देख मुझे मुस्कुराई।।।
बोली क्या मेनटेनड हो मिस्टर??
पापा हो,पर लगते हो भाई।।।
बातें की मुझ से कैसी कैसी।।
मुझको uncle कहने वालों,
तुम्हारी ऐसी की तैसी।।।।
पडोसन बोली, सेकंड हैंड हो,
लेकिन फ़्रेश के भाव बिकोगे।
बस थोड़े से बटन खोल लो,
फिर अजय देवगन से दिखोगे।।
बीवी सोच रही है शौहर,
मेरा कितना अच्छा है जी
पढ़ती नहीं गुलज़ार साहेब को,
दिल तो आख़िर बच्चा है जी।।।
नीयत मेरी साफ़ है यारों,,,
नही हरकतें ऐसी वैसी।
मुझको uncle कहने वालों,
तुम्हारी ऐसी की तैसी।।।।
इन गुज़रे सालों में।।।
दो-एक झुर्रियाँ गालों में हैं,
और थोडी सफ़ेदी बालों में ।।।।
इरादे मगर मज़बूत हैं अब भी,
उमंग भी सॉलिड पहले जैसी।
मुझको uncle कहने वालों,
तुम्हारी ऐसी की तैसी।।।।
जीने का जज़्बा क़ायम हो तो,
उम्र की गिनती फिर फ़िज़ूल है।
अपने शौक़ को ज़िंदा रखो,
जीने का बस यही उसूल है।।।
ज़िंदादिली का नाम है जीवन,
परिस्थितियाँ हों चाहे जैसी।।।
मुझको uncle कहने वालों,
तुम्हारी ऐसी की तैसी.
मेरे सभी 40+ वर्षीय दोस्तों को समर्पित 😄