श्री गीता जयंती धर्म समागम को समर्पित गीता महायज्ञ पूर्ण आहुति और अटूट भंडारे के साथ हुआ संपन्न

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कुरुक्षेत्र:- 4 दिसंबर:- आर के विक्रमा शर्मा+ हरीश शर्मा व कर्ण शर्मा:— श्रीमद् भागवत गीता जयंती भव्य समारोह धर्म समागम धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जा रहा है भारत की भारतीय जनता पार्टी सरकार और हरियाणा की धर्म सहिष्णुता को मान्यता देने वाली हरियाणा सरकार बड़े शानदार कामयाब स्तर पर श्री गीता जयंती का वार्षिक उत्सव आयोजित करके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गीता ज्ञान की प्रचंड अखंड ज्योति प्रज्वलित रखने में महती भूमिका निभा रही है।

इसी क्रम में श्री कृष्ण संग्रहालय के बिल्कुल सामने  श्री जय श्री मार्ग से सटे श्री गीता धाम में हर वर्ष की भांति गीता जयंती समारोह और श्री गीता महायज्ञ सहित गीता पर गीता ज्ञान वेताओं द्वारा प्रवचन जारी है। श्री गीता धाम के संस्थापक और  भागवत गीता अंतरराष्ट्रीय पटल पर एक अलग पहचान और  प्रतिष्ठित करवाने वाले ब्रह्मलीन 1008 श्री गीतानंद भिक्षु जी महाराज जी ने श्रीमद्ग भागवत गीता धर्म समागम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

आज श्री गीता धाम में तीन दिवसीय गीता समागम को समर्पित श्री गीता महायज्ञ का पूर्ण आहुति और अटूट भंडारे के साथ समापन संपन्न हुआ। तीन दिवसीय श्री गीता भागवत महायज्ञ स्वामी अवशेषानंद जी स्वामी दिव्यानंद जी और गीता धाम की मौजूदा संचालिका माता श्रेष्ठ सुदर्शन भिक्षु महाराज की परिपक्व देखरेख व मार्गदर्शन अनुसार संपन्न हुआ। उक्त तीन दिवसीय गीता महायज्ञ में 9 यज्ञ कुण्ड की स्थापना की गई थी। प्रति कुंड एक से ज्यादा यजमान परिवारों ने भाग लिया। और आचार्य सीताराम जी और उनके मार्गदर्शन में ब्राह्मण अचार्य शिक्षा प्राप्ति करने वाले ब्राह्मण विद्यार्थियों ने तीन दिवसीय यज्ञ को संपन्न करवाने में सराहनीय योगदान दिया। जिसकी सर्वत्र प्रशंसा की गई। और तीनों स्वामियों द्वारा आचार्य सीताराम जी व उनकी समस्त अनुयाई ब्राह्मण टीम को मनवांछित दक्षिणा और यजमानों द्वारा कंबल आदि वितरित किए गए। चंडीगढ़ पंचकूला के जाने-माने समाज सेवक और श्री गीतानंद भिक्षु महाराज के परम शिष्यों में से एक पंडित रामकृष्ण शर्मा भी अपनी धर्म पत्नी लक्ष्मी देवी शर्मा के साथ मुख्य यजमानों  में शामिल रहे। आज समापन से पूर्व श्री गीता महायज्ञ में बेटे मंझले पुत्र  राजकुमार शर्मा और उनकी धर्मपत्नी मोनिका शर्मा सहित उनके बेटे रक्षात शर्मा और बेटी आदिति शर्मा ने भी पूर्ण आहुति डाली।

यूं तो श्री गीता धाम में प्रतिदिन साधु संगत सन्यासी पंगत सजती है। पंडित रामकृष्ण शर्मा और उनसे प्रेरित सेवा करने वाले सरदार ज्ञान सिंह उनकी धर्मपत्नी माया देवी भी श्री गीता धाम संचालिका माता श्रेष्ठ सुदर्शन भिक्षु महाराज की प्रेरणा और मार्गदर्शन में अपनी सेवाएं साधु संत समाज को प्रातः की चाय बिस्कुट रस कचोरी समोसे या ब्रेड पकौड़ा आदि वितरित करने की सेवा करते हैं। और बाद दोपहर संतो को दिए जाने वाले भोजन के वितरण में भी यथाशक्ति श्रम सेवा करते हैं। यहां की गौशाला पूज्य गुरुदेव महाराज गीतानंद जी  द्वारा स्थापित की गई थी। जो आज तक श्री गीता धाम को पोष्टिक तरोताजा दूध दही लस्सी माखन देसी घी से भरा पूरा रखे हुए है। श्री गीता धाम में श्री अन्नक्षेत्र की समस्त कार्य प्रणाली कुसुम दीदी की दूरदर्शी सोच और समर्थ अनुशासन के मुताबिक सबको भरपेट चाय जलपान दोपहर और रात्रि भोजन की आपूर्ति करती है।

ब्रह्मलीन श्री 1008 गीतानंद जी भिक्षु महाराज के शिष्य भारत देश सहित विदेशों में भी गीता ज्ञान की ज्योति प्रज्वलित रखे हुए हैं। और दीन हीन असमर्थ अपाहिज रोगी साधु-संतों की निस्वार्थ सेवा में अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे हैं। और समय-समय पर इन सभी गुरु शिष्यों का साथ समर्थन और मार्गदर्शन करने की अनुकंपा भरी परंपरा का स्वामी अवशेषानंद जी महाराज और स्वामी दिव्यानंद जी महाराज सहित विभिन्न गीता आश्रमों में कार्यरत संचालक और संचालिकाओं द्वारा क्रम यथावत प्रवाहमय है।।

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