चंडीगढ़ :- 19 नवंबर:- आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा/अनिल शारदा+ राजेश पठानिया प्रस्तुति:—
बहकों मतना बेटियों*
*कुल को समझों ख़ास*
*पैंतीस टुकड़ों में कटा*
*श्रद्धा का विश्वास*
*भरोसा मतना कीजिए*
*सब पर आंखें मींच*
*स्वर्ण मृग के भेष में*
*आ सकता मारीच*
*मां बाप के हृदय से*
*गर निकलेगी आह*
*कभी सफल होगा नहीं ऐसा प्रेम विवाह*
*आधुनिकता के समर्थकों इतना रखना याद बिन मर्यादा आचरण,बिगड़ेगी औलाद*
*जीवन स्वतंत्र आपका करिये फैसला आप, पर
ऐसा कुछ न कीजिए मुंह छिपाये मां बाप*।।
*घर आंगन की गौरैया,
कुल की इज्जत आप,
सावधान रहना जरा,
षड्यंत्रों को भांप*।।
*बाॅलीवुड़ की गंदगी,
खत्म किये संस्कार*
*जालसाज अच्छे लगें,
बुरा लगे परिवार*।।
*जब कभी तन पर चढें,
अंधा इश्क खुमार*
*इस दरिदंगी को याद तुम,
कर लेना इकबार*।।
*नारी तुम श्रद्धा रहो,न घर उपयोगी चीज*
*फिर किस की औकात,
जो,काट रखें तुम्हें फ्रीज*।।
*संस्कारों की सराहना,
कुकृत्य धिक्कारो आज़*
*आने वाली पीढ़ियां,
करेंगी तुम पर नाज़*।।।।
साभार व्हाट्सएप यूजर
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