चंद्र ग्रहण प्राकृतिक खगोलीय घटनाक्रम में क्या रखें सावधानी करें परहेज जानकारी रखें सहेज

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चंडीगढ़:-08 नवम्बर: आरके विक्रमा शर्मा  हरीश शर्मा करण शर्मा राजेश पठानिया अश्विनी कुमार शर्मा/ अनिल शारदा प्रस्तुति— कार्तिक पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण का संयोग को बनेगा, जानिए क्या करें और किन बातों से बचें_*

🫵🏼 *_8 नवंबर 2022 को कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दिवाली के दिन चंद्र ग्रहण लगने वाला है। वर्ष 2022 का दूसरा चंद्र ग्रहण आंशिक है, जिसे खंडग्रास चंद्र ग्रहण भी कहा जा रहा है। हालांकि कई जगहों पर यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। भारत में अधिकांश क्षेत्रों से यह चंद्र ग्रहण आंशिक रूप में दिखाई देगा। आओ जानते हैं कि चंद्र ग्रहण में किन बतों से बचना चाहिए।_*

🌕 *_चंद्र ग्रहण कब लगेगा : नई दिल्ली टाइम के अनुसार यह ग्रहण चंद्रोदय के समय शाम 5.32 पर प्रारंभ होगा और 6.18 पर समाप्त होगा। इसका मोक्षकाल 7.25 पर रहेगा। यह वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण है।_*

⏱️ *_चंद्र ग्रहण सूतक काल का समय_*

*_पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण सूतक सुबह 09:21 बजे शुरू होगा और सूतक काल शाम 06.18 बजे समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण के दौरान 4 प्रहर के लिए सूतक मनाया जाता है और चंद्र ग्रहण के दौरान ग्रहण से पहले 3 प्रहर के लिए सूतक मनाया जाता है. सूर्योदय से सूर्योदय तक कुल 8 प्रहर होते हैं. इसलिए सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक मनाया जाता है._*

💁🏻‍♀️ *_भारत में कहां दिखाई देगा : भारत में यह चंद्र ग्रहण पूर्ण रूप से सिर्फ पूर्वी भागों में दिखाई देगा, बाकी जगहों पर आंशिक ग्रहण रहेगा। भारत के कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, रांची और गुवाहाटी एवं इनके आसपास के शहरों से इस ग्रहण को देखा जा सकता है।_*

👉🏼 *_चंद्र ग्रहण का प्रभाव : किसी भी ग्रहण के पूर्व और बाद में भूकंप आते हैं। प्राकृतिक आपदाएं बढ़ जाती है। इस बार के चंद्र ग्रहण से आंधी, भूकंप या भूस्‍खलन होने की संभावना के बीच घटना और दुर्घटनाएं बढ़ जाएगी जिसके चलते देश में तनाव और डर का माहौल बनेगा। देश में औद्योगिक कार्यों में गिरावट के चलते उत्पादन पर असर पड़ेगा जिसके चलते आने वाले समय में महंगाई बढ़ने की संभावना है।_*

🤷🏻‍♀️ *_चंद्र ग्रहण में क्या करें और किन बातें से बचें_*

◾ *_चंद्र ग्रहण में सूतक काल के नियमों का पालन करें। चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है।_*

◾ *_ग्रहण में लगने वाला सूतक काल एक अशुभ अवधि होती है, जो ग्रहण से पूर्व लगता है और ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है।_*

◾ *_चंद्र ग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर से अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए।_*

◾ *_सूतक लगने के बाद पूजा पाठ न करें।_*

◾ *_ग्रहण के दौरान कई शुभ कार्यों को वर्जित माना जाता है।_*

◾ *_चंद्र ग्रहण के सूतक काल के दौरान घर के मंदिर के कपाट बंद कर दें, ताकि देवी-देवताओं पर ग्रहण की काली छाया न पड़ें।_*

◾ *_मंदिर अथवा घर के मंदिर के देवी-देवताओं की मूर्ति को स्पर्श न करें। नैवेद्य या भोजन अर्पि‍त नहीं किया जाता है।_*

◾ *_दातून न करें।_*

◾ *_कठोर वचन बोलने से बचें।_*

◾ *_बालों व कपड़ों को नहीं निचोड़ें।_*

◾ *_घोड़ा, हाथी की सवारी न करें।_*

◾ *_ग्रहण काल में वस्त्र न फाड़ें।_*

◾ *_कैंची का प्रयोग न करें।_*

◾ *_घास, लकड़ी एवं फूलों को तोड़ने की मनाही है।_*

◾ *_यदि तीर्थ स्थान का जल न हो तो किसी पात्र में जल लेकर तीर्थों का आवाहन करके सिर सहित स्नान करें, स्नान के बाद बालों को न निचोड़ें।_*

◾ *_गाय, बकरी एवं भैंस का दूध दोहन न करें।_*

◾ *_शयन और यात्रा न करें।_*

◾ *_चंद्र ग्रहण के बाद कुछ खास चीजों का दान करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव दूर होते हैं तथा जीवन में अचानक होने वाली दुर्घटनाओं से भी बचाव होता हैं।_*

आज इस चंद्र ग्रहण के बाबत समाज सेवक पंडित रामकृष्ण शर्मा धर्म ज्ञाता ने कहा कि आज के दिन तीर्थ स्थानों पर पुण्य फल देती नदियों के किनारे ग्रहण से पूरब और समापन के बाद स्नान का विशेष फलदाई महत्व होता है ऐसा संभव ना होने पर घर में ही दो वक्त यानी सूर्य ग्रहण से पूरब और पश्चिम जल में गंगाजल या गोगुंदा या गाय का दूध आदि डालकर स्नान करने से बड़ा पुण्य प्राप्त होता है और शरीर एक व्याधियों से भी मुक्ति मिलती है अल्फा न्यूज़ इंडिया ने भी हिंदू धर्म की प्रचलित वैदिक मान्यताओं को मानने वालों से आग्रह किया है कि ग्रहण सूर्य या फिर हो चंद्रमा के दौरान जरूर करें यथासंभव दान दान का विशेष महत्व है अपने और अपने घर परिवार सहित समाज मानवता के कल्याण में दान पुण्य का अपना ही अग्रणी स्थान है।

 

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