प्रशासन के आला अधिकारी जनता की समस्याओं से ना हों बेपरवाह:— पूर्व मेयर कमलेश बनारसी

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चंडीगढ़:-01 नवंबर :—-आरके विक्रमा शर्मा /राजेश पठानिया +अनिल शारदा:–—आज पूर्व कांग्रेसी  महापौर  (मेयर) कमलेश बनारसीदास युटी चंडीगढ़ के  एडवाइजर धर्मपाल जी आईएएस को पत्र लिखा कि राम दरबार में लगभग 90% लोग मजदूर समाज फैक्ट्रीज में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरी का काम करने वाले रहते हैं। इसलिए प्रशासन के पास इन लोगों की भलाई के लिए नाना प्रकार की जनकल्याणकारी योजनाएं  भी हैं।

परंतु उक्त स्किमों का पता लोगों को नहीं चल पाता है। हालांकि कड़वी सच्चाई यह है कि चंडीगढ़ प्रशासन विज्ञापनों पर पानी की तरह करोड़ों रुपए खर्च करता है। मजदूर लोगों के  समय नहीं होता है। ताकि वह संबंधित सोशल वेलफेयर विभाग की शाखाओं में जाकर अपने लिए कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकें। और उचित लाभ उठा सकें। इस करके एडवाइजर साहब को पत्र लिखा कि चंडीगढ़ राम दरबार के अंदर एक लेबर वेलफेयर बिल्डिंग हो। जिसके अंदर सभी प्रकार जनहित की नीतियां प्रदर्शित करके लोगों को बुनियादी जानकारियां मुहैया करवाई जाएं।  स्कीम का फायदा लोग उठा सकें। एक ऑफिस राम दरबार में खोला जाए। जिससे सभी को फायदा होगा। लेबर डिपार्टमेंट के पास लेबर सेस का बहुत राजस्व प्राप्त होता है। जो लोगों के भले के लिए उनकी वेलफेयर स्कीम के तहत उनको मिलता है। एक सुव्यवस्थित ऑफिस हो। जहां पर लोग बुनियादी जनकल्याणकारी नीतियों व परियोजनाओं का फायदा उठा सकें। इसलिए यह जरूरी है कि राम दरबार की कुल जनसंख्या  90% ऐसे लोगों की है।  जिनको इसकी जरूरत है इसलिए हमने यह डिमांड चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन के एडवाइजर को पत्र के माध्यम से मांग की गई है कि जल्दी से जल्दी राम दरबार में यह सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।

गौरतलब है कि शहर की तेज तर्रार कर्मठ निडर पूर्व मेयर कमलेश बनारसी दास समय-समय पर लोगों की परेशानियों को अभावों को और क्षेत्र में पसरी अव्यवस्थाओं अनियमितताओं के प्रति प्रशासन को नगर निगम को संपदा विभाग स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग पुलिस प्रशासन आदि को सजग करने का बीड़ा उठाए रखती हैं इसका लाभ वार्ड वासियों को ही नहीं शहर वासियों को भी नसीब होता है।

अल्फा न्यूज़ इंडिया से संक्षिप्त बात करते हुए पूर्व मेयर कमलेश बनारसी ने कहा कि आजकल दफ्तरों, सरकारी विभागों में पब्लिक मिलने का एक घंटे का समय बिल्कुल नदारद हो चुका है। इसी वजह से लोगों की समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं। और विभागों में बैठे कर्मचारी और अधिकारी बेपरवाह रहते हैं। जनता को भारी कठिनाइयों का दर-दर ठोकरें खाने का सबब बना रहता है।।

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