पत्रकारिता का स्तंभ और मानवीय संवेदनाओं का प्रकाश पुंज पुष्कर राज कपूर चले गए हम सब से बहुत बहुत दूर

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चंडीगढ़+पंचकूला+मोहाली :- 15 अक्टूबर:- आरके विक्रमा शर्मा/ हरीश शर्मा /करण शर्मा:– उत्तरी भारत विशेषकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सहित पंजाब हरियाणा जम्मू कश्मीर और  हिमाचल प्रदेश सहित चंडीगढ़ में पत्रकारिता का जगमगाता सितारा 14 अक्टूबर की रात को अचानक हृदयाघात के चलते अस्त हो गया है। दी हाक  और दैनिक हॉक समाचार पत्र के लाखों पाठकों सहित पुष्कर राज कपूर जी के चुंबकीय व्यवहारिक आकर्षण से प्रभावित होने वाले उनके चाहने वालों को यह दुखद समाचार मिलते ही चारों और शोक संताप पीड़ा और एक सन्नाटा सा पसर गया है। उत्तराखंड में और उत्तर प्रदेश के एक अच्छे खासे भूभाग पर अंग्रेजी पत्रकारिता के ध्रुव तारा कहे जाने वाले पुष्कर राज कपूर अपने बड़े बेटे प्रशांत कपूर के वाहन दुर्घटना में स्वर्गवास के बाद से शायद ही उभर पाए। इसी के चलते कुछ बर्ष पहले उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में हार्ट का ऑपरेशन करवाना पड़ा। जो बिल्कुल सफल रहा। उस वक्त उनके छोटे बेटे ऋषभ कपूर छोटू के साथ ट्राइसिटी से दैनिक हाक के प्रभारी आरके विक्रमा शर्मा साए की तरह उनके साथ रहे। इस दौरान कपूर साहब के बेटे ऋषभ कपूर छोटू ने अपने पिता की अथक सेवा की। कपूर साहब जिस से भी मिले। उसी के होकर रह गए। जिस से बात की, उसके दिल में उतर गए। यह वह हस्ती जो हंसती कम थी ।और दिलों में ज्यादा बस्ती थी।

श्री राज कपूर साहब ने अपनी बेटी के विवाह बंधन पर सभी पत्रकारों को, फोटोग्राफरों को एक छत के नीचे एकत्रित किया। और सबको एक अलग अनुभूति देता हुआ सम्मान दिया। वह अपने पत्रकारों से अपने पुत्रों माकिफ मिलनसारता रखते थे।

यह गहरी आत्मीयता का विश्वास भरा अपनापन था कि पुष्कर राज कपूर साहब अपनी धर्मपत्नी और अपनी बेटी के साथ आरके विक्रमा शर्मा के निजी निवास स्थान चंडीगढ़ आए। और सब ने सुबह का नाश्ता एक साथ किया। और आरके विक्रमा शर्मा परिवार ने सभी का जो सम्मान किया। उसका हरिद्वार पहुंचने के बाद भी उन्होंने अनेकों बार जिक्र किया। और मुक्त कंठ से प्रशंसा भी की। इसीलिए आज यह समाचार लिखते हुए आंखों में आंसू स्वभाविक और वाजिब हैं। क्योंकि जिस की स्मृति में यह आंसु खुद-ब-खद बह रहे हैं। सही शब्दों में यह कपूर साहब के लिए वाजिब और बुनियादी अहमियत की भेंट है। पंचकूला से हरीश शर्मा व मोहाली से करण शर्मा और चंडीगढ़ से आरके विक्रमा शर्मा आज भावविह्वल हैं। कपूर साहब की क्षति उनका बेवक्त रुखसत हो जाना, सबके लिए एक बड़ी हानि है। कपूर साहब का जाना सबके लिए एक ऐसा अंधेरा है। जो कभी उजाला देख ही नहीं पाएगा।

ऋषभ कपूर छोटू और आदरणीय भाभी मिसेज कपूर जी और बिटिया सब को भगवान अटल बल दें। इस सदमे को सहने का आत्मिक शक्ति सामर्थ्य प्रदान करें। धर्म प्रज्ञ पंडित आर के शर्मा जी ने भी पत्रकारिता के पुंज पुष्कर राज कपूर के साथ अपनी दूरभाष पर छोटी-छोटी मुलाकातों का जिक्र करते हुए उन्हें “मिलनसार फरिश्ता” की संज्ञा दी। और उन्हें भगवान श्री विष्णु जी महाराज का धाम मिले! इसकी निस्वार्थ भाव से प्रार्थना की! पंचकूला व मोहाली सहित चंडीगढ़ से हरीश शर्मा करण शर्मा और आर के विक्रमा शर्मा ने ऋषभ कपूर छोटू को हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए इसे अपने परिवार की क्षति बताते हुए हर कदम, हर परिस्थिति में, हर समय साथ खड़े होने का वादा और आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि जो विश्वास और अपनापन व फखर पुष्कर राज कपूर आरके विक्रमा शर्मा पर रखते थे। यह अक्षरत ऋषभ कपूर छोटू के साथ आखिर तक बना रहेगा।। और यह भी अफसोस जाहिर किया कि पुष्कर राज कपूर जैसी हस्ती की अंत्येष्टि में अपनी गंभीर बीमारियों के चलते ना पहुंच पाने का भी उन्हें दुख हमेशा दुखी करता रहेगा। लेकिन कपूर परिवार के साथ आरके विक्रमा शर्मा का हर कदम हर समय हर परिस्थिति में साथ था, आज भी है और सदा रहेगा।।।।।

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