बंदायू दरोगा की उद्दंडता पर जहां-जहां भी खबर फैली लोगों ने आ थू आ थू ही किया कानूनन हो कार्रवाई

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उत्तर प्रदेश/बदायूँ /कादरचौक :05 अक्टूबर:-आरके विक्रमा शर्मा +अनिल शारदा/ राजेश पठानिया+करण शर्मा /दिलीप शुक्ला प्रस्तुति:– जिला बदायूं की एक थाना के दरोगा ने वर्दी की गरिमा ओहदे के रुतबा और जनता के भारी भरकम आस्था विश्वास का पर्याय पुलिस पर खुद ही एक कीचड़ उछाल दिया है‌ पब्लिक में भारी रोष है। सोशल मीडिया पर इस दरोगा पर कमैंट्स हो रहे हैं। और आम पब्लिक आ तू आ थू कर रही है। कारण चाहे कुछ भी हो, वर्दी का मतलब लोगों के आस्था श्रद्धा विश्वास सुरक्षा शांति व्यवस्था और कानून की सुचारू रूप से स्थाई सुव्यवस्था परम उद्देश्य है। वर्दी से जब शिष्टाचार अनुशासन और कर्तव्य परायणता सहानुभूति और मानवीय संवेदनाएं समाप्त हो जाती हैं तो इसके बारे में अब ज्यादा लिखना बेमानी हो जाएगा। ऐसी उद्दंडता अनुशासनहीनता अशिष्टता उज्जैन तथा भरे व्यवहार का पर्याय बनने वाले उक्त दरोगा पर कानून सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि उत्तर प्रदेश पुलिस की साख गरिमा और उत्तर प्रदेश योगी सरकार की विश्वसनीयता पर किसी प्रकार का दाग धब्बा ना लगने पाए।।

अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए 23वें दिन से एक परिवार मालवीय आवास पर आमरण अनशन कर रहा है। संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के बाद भी पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं किया है। 23वें दिन धरना स्थल पर पहुंचे थानाध्यक्ष वेदपाल सिंह ने पीड़ित से कहा कि अभी 20 दिन और धरने पर बैठे रहो तब तक हम आरोपियों को पकड़कर जेल भेज देंगे। थानाध्यक्ष के बेतुके बयान से पीड़ित भी अचरज में पड़ गया है।

मामला थाना कादरचौक क्षेत्र के गांव कौआ नगला का है। यहां निवासी शीश पाल ने थाना कादरचौक में दर्ज कराये मुकदमे के अनुसार बताया है कि चार साल पहले वह एक प्राइवेट कंपनी नोएडा में काम करता था। वहीं थाना क्षेत्र के गांव बोंदरी निवासी मोहित यादव भी काम करता था। मोहित ने कहा कि मेरे परिवार के चाचा प्रिंस यादव पुत्र होराम सिंह की नेताओं व अधिकारियों से बड़ी पहचान है। वे स्वास्थ्य विभाग व बिजली विभाग तथा राजस्व विभाग में नौकरी लगवा देते हैं।

आरोप है, नौकरी के लिए जेवर गिरवीं रखकर दो लाख रुपये दे दिए। कुछ दिन के बाद उसे अमरोहा का नियुक्ति पत्र दिया गया। सिकंद्राराऊ में 9 माह नौकरी करने के बाद फर्जी होने की बात कह निकाल दिया। कादरचौक थानाध्यक्ष वेदपाल सिंह का कहना है कि मैंने बीस दिन का समय मांगा है। पीड़त परिवार को समझाया कि घर चले जाओ 20 दिन के अंदर आरोपियों को जेल भेज दिया जायेगा। पीड़त परिवार अपनी जिद पर अड़ा हुआ है। परिवार का कहना है कि आरोपियों को जेल भेज दोगे या मुझे न्याय दिला दोगे तभी घर जायेगा।

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