चंडीगढ़:- 2 अक्टूबर:- आरके विक्रमा शर्मा /हरीश शर्मा /करण शर्मा /राजेश पठानिया /अनिल शारदा:— आज भारत माता के शूरवीर दूरदर्शी जन जन के प्रिय नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्मदिवस पूरे देश में श्रद्धा आस्था विश्वास और गौरव के साथ मनाया जा रहा है इसके साथ साथ राष्ट्रपिता बापू महात्मा गांधी का जन्मदिन भी देशभर में सरकारी स्तर पर और गैर सरकारी स्तर पर आयोजित किया जा रहा है लाल बहादुर शास्त्री जी की सादगी और दूरदर्शिता विश्व विख्यात है महात्मा गांधी जी पहले अपनी अहिंसा नीतियों के कारण विख्यात थे और अब इतिहास के पन्ने बता रहे हैं कि भारत-पाकिस्तान का बंटवारा करने में उनकी अहम भूमिका भी रही है और आज भारत जो मुसलमानों की सगई कथित आग में झुलस रहा है इसके पीछे भी अहिंसा वादी बापू गांधी का ही दिमाग था ऐसा राजनीति के पुरोधा कहते हैं लेकिन आज जिन हालातों पर कलम उठाई गई है वह दिल को दहलाने के लिए काफी है देशभर में गांव को माता का दर्जा गांव को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिलाने के अभियान जोरों पर हैं धर्म समाज के साधु संत महात्मा गौ रक्षक के नाम पर खूब धन लूट रहे हैं इसमें कोई संशय नहीं है हाल ही में लंबी बीमारी जो सिर्फ गई गोवंश को हुई है और लाखों इन जीवो की तड़प तड़प कर मौतें हुई हैं उस पर सरकार खामोश है जो इंतजाम किए गए हैं उनके मुंह में जीरा भी नहीं है शर्म की बात यह है कि देश में आज वह सरकार काबिज है इसने धर्म के नाम पर जीत हासिल की है लेकिन आज गौ माता के लिए उनके पास व्यवस्थाएं तो दूर दो शब्द सहानुभूति के नहीं हैं।
कहा जाता है कि यह बीमारी पाकिस्तान से होती हुई राजस्थान में पंछी फैली और आगे दूसरे प्रांतों में भी फैलती चली गई और सरकार अपनी राजनीति की रोटियां सेकने के सिवा कुछ नहीं कर सकी इसी दौरान देश के प्रधानमंत्री यशस्वी नरेंद्र मोदी ने भी विदेशों से खूंखार प्रजाति के चित्रों को भारत की धरती पर लाकर ना जाने कौन सा नया अध्याय लिखा है बेहतर होता गौ माताओं की ओर तनक ध्यान देतेउ और कुछ फंड मुहैया करवा देते या कुछ धनाढ्य लोगों अडानी अंबानी आदि को प्रेरित कर देते हैं किको माता को बचाया जाए तो शायद लाखों जीव बच सकते थे गमों की ओर सरकार चाहे प्रांतीय सरकार चाहे केंद्रीय सरकार है ने क्यों नहीं तवज्जो दी यह अपने आप में सवाल आगे चलकर एक न एक दिन अपना जवाब जरूर मांगेगा शर्म की बात है कि मीडिया ने भी शोर इतना ध्यान नहीं दिया जितने की इस वक्त जरूरत थी।
किसी धर्म समाज के संत महात्मा ने कहा है कि गीता भौतिक संसार की औषधि है जीने की आदर्श संतुलित परिपक्व परिपाटी है जरूरत है इसके पठन और मनन और जीवन में इसको धारण करने की यह मोक्ष तक एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाती है इसी भागवत गीता में भी गौ माता कि इस बीमारी का बहुत सरल सहज सरस उपाय है जिसको करने से गौमाता को पीड़ा से मुक्ति मिलती है और खुद मानव कल्याण होता है।
महात्मा मुताबिक गौ माता को तुरंत स्वस्थ करने के लिए और अपना इस लोक और परलोक सुधारने के लिए भी श्रीमद्भगवद् गीता के 14वां अध्याय का पठन करें ।
नीचे दिया हुआ मंत्र आपके और गौ माता के आरोग्य स्वास्थ्य के लिये है। इस मंत्र की अखंडल श्रृखंला तैयार हो। इस कारण आप इस मंत्र का पाठ करके आगे और लोगों को भी मंत्र उच्चारण करने का या यूट्यूब से अपने घर या कार्यालय जहां भी उचित और स्वच्छ वातावरण मिलता है तुरंत इसका उच्चारण करें और दूसरों को भी इसे श्रवण करने का मार्गदर्शन करें।
*ॐ नमों भगवते सुदर्शन वासुदेवाय , धन्वंतराय अमृतकलश हस्ताय , सकला भय विनाशाय , सर्व रोग निवारणाय , त्रिलोक पठाय, त्रिलोक लोकनिथाये , ॐ श्री महाविष्णु स्वरूपा, ॐ श्री श्रीॐ औषधा चक्र नारायण स्वहा !!*
🙏 आप सभी धर्म प्रेमियों को यह भी सुझाव दिया जाता है कि अगर किसी आमुख को रोग बुरी तरह जकड़े हुए हैं चिकित्सा लाभ नहीं हो रहा है और भौतिक लेनदेन में देह तड़प रही है। तो यह श्लोक मंत्र रामबाण है।।
अल्फा न्यूज़ इंडिया को यह रामबाण श्लोक चंडीगढ़ पुलिस के वूमेन सेल सेक्टर 17 में कार्यरत इंस्पेक्टर रविंदर कुमार मिंटू ने गोवंश के स्वास्थ्य लाभ के लिए पीड़ादायक रोग से मुक्ति के लिए और मानव समाज को भी रोग मुक्त करने की मंशा से उपलब्ध करवाया है रविंद्र कुमार मिंटू की इस निस्वार्थ परोपकारी भावना के लिए अल्फा न्यूज़ इंडिया तहे दिल से उनका आभार प्रकट करते हुए उनके स्वस्थ दीर्घायु की मंगल कामना करता है।