नियमों को छिक्के टांग कर बैंक को लगाया चूना

Loading

 बाड़मेर :  8 अप्रैल ; चंद्रभान सोलंकी ;—–भूमि विकास बैंक शाखा बाड़मेर में घोटाले व फर्जीवाड़े दर्जनों की संख्या में जमकर हुए है। तत्कालीन सचिव कमाल खां ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई लोगों को नियमों से परे जाकर ऋण वितरण व तथ्यात्मक जानकारी छुपाकर बैंक को नुकसान पहुंचाया है। छब्बीस साल एक ही बैंक में सचिव पद पर रहते हुए दर्जनों की संख्या में फर्जीवाड़े कर अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया है। 
कमाल खां ने वर्ष 2014 में अपने नजदीकी रिश्तेदार अकबर खां पुत्र मजीद खां निवासी गागरिया को किराणा उद्योग के लिए उसे बेरोजगार बताकर हजारों रूपए का ऋण दिलाया लेकिन वास्तव में अकबर खां 1990 से जलदाय विभाग गडरारोड में नियमित कर्मचारी के रूप में कार्यरत है। इतना ही नहीं इसी शख्स को इन्होंने 16 मार्च 2015 को मोटरसाइकिल खरीदने के लिए 36500 रूपए का सरकारी कर्मचारी बताकर ऋण स्वीकृत कर दिया। जिसका आधार उसके नौकरी करने का सर्टिफिकेट है। इस तरह एक ही व्यक्ति को स्वरोजगार व सरकारी नौकरी दोनो बताकर दो अलग अलग ऋण स्वीकृत करवा दिए। 
इसी तरह अपने निजी हित साधने के लिए कमाल खां ने एक जने को ऋण वसुली के लिए आदेश निकाल दिए जबकि वह बैंक का कर्मचारी ही नहीं था। तत्कालीन सचिव ने 9 सितम्बर 2014 को आदेश क्रमांक 1312—1320 निकाल कर भीखचंद को बैंक का कर्मचारी बताकर उसे बाड़मेर पंचायत समिति के 158 अवधिपार ऋणियों से वसुली के लिए नियुक्त किया। लेकिन उस समय भीखचंद का बैंक में कोई नियुक्ति नहीं थी। इसके बारे में भूमि विकास बैंक मुख्य शाखा बालोतरा सचिव ने स्पष्टीकरण पूछा। लेकिन इसके बाद 8 जनवरी 2015 को क्रमांक 2615 से भीखचंद को संविदा पर कार्य करने के लिए रख लिया। इसी तरह उसने अपने चहेते के नाम झूठा ऋण वसुली का आदेश निकाल कर बैंक को आर्थिक नुकसान पहुंचाया। 
तत्कालीन सचिव ने नजदीकी रिश्तेदारों को 22 सितम्बर 2015 को कम्बल उद्योग के नाम पर प्रार्थना पत्र लेकर एक ही दिन में पांच जनों को 50—50 हजार रूपए के ऋण स्वीकृत कर दिए। इस तरह कमाल खां ने अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाकर बैंक को नुकसान पहुंचाया। 
मुझे कुछ नहीं पता
इन मामलों के संबंध में भूमि विकास बैंक बालोतरा मुख्यालय के सचिव जितेन्द्र कुमार से बात की तो उन्होंने इस संबंध में कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया। इससे साबित हो रहा है कि इन घपलों की जांच व कार्रवाई को लेकर बैंक उच्चाधिकारी कितनी परवाह करते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

109236

+

Visitors