चंडीगढ़:- 20 सितंबर: आरके विक्रमा शर्मा+ हरीश शर्मा:—- जीना इसी का नाम है जो आ रहा किसी के काम है! जीवन हमेशा परोपकारी होना चाहिए! जल की तरह निर्मल और वायु की तरह गतिमान, शीतल और परिस्थितियों के मुताबिक कभी घनघोर आवाज करता तो कभी भेद शून्य सन्नाटा लिए हुए होना चाहिए। स्थानीय सेक्टर 23 के निवासी या उनके सद्कर्मों और मृदुल स्वभाव सहित समर्पित सेवा भावना को देख कर कहा जाए तो सेक्टर के हस्ताक्षर पंडित भगवती प्रसाद गौड़ जी और उनकी अर्धांगिनी श्रीमती लक्ष्मी देवी गौड़ जी का 31 अगस्त को देहावसान हुआ। भौतिक शरीर को त्याग कर श्री प्रभु जी के श्री चरणों में समाहित हुए। शोकाकुल उनके पुत्र परिवार दीपक गौड़ विजय गौड़ अजय गौड़ और दुखी परिवार ने उनकी आत्मिक शांति के लिए गरुड़ पुराण का पाठ उनकी बैकुंठ धाम की यात्रा को सुगम बनाने की भागीरथी अभिलाषा से सम्पन्न करवाया। शोकाकुल परिजनों ने बताया कि स्थानीय सत्संग भवन, सनातन धर्म मंदिर सेक्टर 23बी के सभागार में गरुड़ पुराण का पाठ का श्री समापन दोपहर 12:00 बजे से 1:00 बजे तक तत्पश्चात ब्रह्मभोज 1:00 से 2:00 तक किया गया। इस मौके पर शहर के गणमान्य प्रबुद्ध व्यक्ति रसम क्रिया में सम्मिलित हुए। और सभी ने भगवती प्रसाद गौड़ के प्रेरणादाई जीवन के प्रसंगों को ताजा करते हुए उनकी स्मृति को सबलता दी। वैकुंठ वासनी श्रीमती लक्ष्मी देवी गौड के जीवन के बारे में विचार व्यक्त करते हुए कहा गया कि सही मायने में गृहलक्ष्मी सफल स्वामिनी और आज्ञाकारिणी अर्धांगिनी जिम्मेदार और जवाबदेह माता विदुषी धर्म परायण महिला बनकर सादा जीवन उच्च विचार का अनुसरण करते हुए उन्होंने भौतिक संसार में अपनी जीवन यात्रा संपूर्ण की है।
अल्फा न्यूज इंडिया श्रीमती लक्ष्मी देवी गौड़ और भगवती प्रसाद गौड़ के बैकुंठ प्रस्थान के अवसर पर शोकाकुल परिवार को सांत्वना देते हुए गॉड दंपति के जीवन से समाज को प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित करते हैं। और सभी को परोपकारी सेवा भाव जीवन जीने की राह सुझाते हैं।