हिंदुस्तानी और मुसलमानों के सांझे पूज्य आराध्य हैं गोगा जी महाराज कर्म धर्म वीर

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चंडीगढ़: 20 अगस्त:- आरके विक्रमा शर्मा /अनिल शारदा /करण शर्मा /हरीश शर्मा प्रस्तुति:— भारतवर्ष में गोगा जी महाराज को हिंदू मुसलमान समान रूप से पूजते हैं। हालांकि हर प्रांत में हर जात धर्म संप्रदाय में पूजा अर्चना की पद्धति अपने-अपने पौराणिक प्रचलित विधाओं मुताबिक ही मनाई जाती है।

🔮 *_गोगा नवमी 2022 में कब है गोगा नवमी की तारीख, महत्व और किस तरह मनाई जाती हैं |_*

 

🌍 *_भारत वर्ष में नित्य पर्व त्योहार मनाए जाने का प्रचलन है. माह में दो बार एकादशी व्रत आता है, तो अन्य दिन हिंदू धर्म के मुख्य पर्व नाग पचंमी और रक्षाबंधन जैसे बड़ त्योहार आते हैं. इसी में से एक हैं, गोगा नवमी जिसे गुगा नौमी के नाम से भी जाना जाता है. वह गोगा देव नाग भगवान की पूजा करने के लिए समर्पित है. गोगा नवमी भाद्रपद के हिंदू महीने में कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के अंधेरे पखवाड़े) की नवमी तिथि (9 वें दिन) पर मनाया जाता है. पश्चिमी कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार अगस्त या सितंबर में आता हैं. साल 2022 में गोगा नवमी 20 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा._*

 

📜 *_हिंदू परंपराओं में गोगा देव जी को जाहरवीर गोगा के नाम से भी संबोधित किया जाता है, मध्य प्रदेश के मालवा प्रांत के एक लोकप्रिय लोक देवता है. जिसे भारत के उत्तरी राज्यों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में पूरी श्रद्धा के साथ पूजा जाता है. यह व्यापक धारणा है कि वह भाद्रपद कृष्ण पक्ष की नवमी को प्रकट हुए थे और इसलिए हिंदू भक्तों ने उन्हें यह दिन समर्पित किया. गोगा नवमी भारत के उत्तरी क्षेत्रों में बेहद धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई जाती है. राजस्थान, मध्यप्रदेश में गोगा नवमी पर भव्य मेले लगते हैं और उत्सव तीन दिनों तक चलता है._*

 

🙇🏻‍♂️ *_गोगा नवमी कैसे मनाई जाती हैं?_*

 

*_गोगा नवमी पर, भक्त गोगाजी की मूर्ति का पूजन करते हैं. चित्रों में वह नीले रंग के घोड़े की सवारी करते हुए दिखाई देते हैं और पीले और नीले झंडे भी रखते हैं. कुछ क्षेत्रों में भगवान गोगा की पूजा का अनुष्ठान श्रावण पूर्णिमा (रक्षा बंधन के दिन) से शुरू होता है और नौ दिनों तक अर्थात नवमी तक जारी रहता है. इस कारण इसे गोगा नवमी के नाम से भी जाना जाता है. नवमी के अवसर पर भक्तों के बीच चावल और चपाती को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है._*

 

*_गोगा देव जी के मंदिरों में इस दिन विभिन्न पूजा और जुलूस आयोजित किए जाते हैं. गोगा नवमी पर हिंदू भक्त किसी भी चोट या नुकसान से सुरक्षा के आश्वासन के रूप में भगवान गोगा को राखी या रक्षा स्तोत्र बाँधते हैं._*

 

*_इसके अलावा गोगा नवमी के दौरान उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर मेलों का आयोजन किया जाता है. सभी मेलों के बीच हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में गुगा नवमी मेला सबसे बड़ा और सबसे लोकप्रिय है._*

 

💁🏻‍♀️ *_गोगा नवमी का महत्व_*

 

*_गोगा नवमी गोगाजी के सम्मान में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहारों में से एक है. इतिहासकारों की मानें तो गोगा देव शक्तिशाली राजपूत राजकुमार थे. जिनके पास विषैले सांपों को नियंत्रित करने के लिए अलौकिक शक्तियां हैं. उनकी कहानियों के विभिन्न संस्करण हैं जो इस दिन को अनुष्ठानों के एक भाग के रूप में सुनाया जाता है. कुछ कहानियों में उनके दिव्य जन्म, उनके विवाह, पारिवारिक जीवन, युद्धों, उनकी सर्प काटने की अविश्वसनीय कला और पृथ्वी से उनके गायब होने का वर्णन है. हिंदुओं का मानना ​​है कि इस दिन उनकी पूजा करने से सांप और अन्य बुराइयों से उनकी रक्षा होगी. इसके अलावा एक प्रचलित धारणा यह भी है कि भगवान गोगा बच्चों को हर नुकसान से बचाते हैं. इसलिए विवाहित महिलाएं गोगा नवमी पर पूजा करती हैं और अपने बच्चों की सलामती और खुशहाली के लिए उनसे प्रार्थना करती हैं. कुछ निःसंतान विवाहित महिलाएं भी इस दिन प्रार्थना करती हैं कि उन्हें संतान का आशीर्वाद मिले._*

 

🎠 *_गोगा नवमी शुभ मुहूर्त 2022 गोगा नवमी तिथि और वार_*

 

▶️ *_20 अगस्त, दिन शनिवार_*

 

🙏🏼 *_नवमी तिथि प्रारंभ_*

*_19 अगस्त 2022, रात्रि 10:59 बजे से_*

👉🏼 *_नवमी तिथि समाप्त_*

*_20 अगस्त रात्रि 01:09 बजे_*

 

🙇🏻‍♀️ *_गोगा जाहर पीर साधना मंत्र धन धन गोगा मंडली धन धन गोगा सुलतान._*

 

*_पर्वत धूड़ा धूमीया गोगा चढ़े जहान || गोगे संधी कोठड़ी मली बिशियर नाग |_*

 

*_साधू चले वनखंडी आ करके रुख तमाम ||सारे हाथ निवामदें सीता के अहु राम |_*

 

*_दायें मोढ़े उपर कालका बायें है हनुमत ||माथे उपर नाहर सिंह तू नागो का सुल्तान_*

 

*_फुरों मंत्र ईश्वरो वाचा ||आदेश आदेश आदेश गोगा जाहरपीर को आदेश |_*

 

🚩 *_छड़ी का मंत्र_*

 

*_सत नमो आदेश , गुरूजी को आदेश, ॐ गुरूजी_*

*_जाहरवीर जाहरवीर सच्ची सरकार_*

 

*_अला बला को ले जा सात समंदर पार_*

*_नीला घोडा भगमा भेष , खब्बे पैर पदम् नाग_*

 

*_गल में विराजे भुरीया मस्तक शेषनाग_*

*_आओ आओ बाबा जाहर_*

 

*_गोरख गुरु की मन्न आन_*

*_तेरी छड़ी कौन विराजे_*

 

*_नारसिंह वीर गाजे_*

*_सावलसिंह वीर गाजे_*

 

*_किसके हुक्म से गाजे_*

*_गोरख गुरु के हुक्म से गाजे_*

 

*_ना गाजे तो चौथे किंगरे वाला ना कहायें_*

*_नारी बामणी का जाया ना कहायें_*

 

*_नागे गुरां की तेई झूठी हो जाये_*

*_गोरख गुरु का चेला ना कहायें_*

 

*_माता का पिया दूध हराम करे_*

*_जाग रे जाग_*

 

*_जाहरवीर को मन्न के जाग_*

*_गोरख गुरु को मन्न के जाग_*

 

*_नागे गुरु को मन्न के जाग_*

*_बहन श्याम्कौर को मन्न के जाग_*

 

*_माई मदानण को मन्न के जाग_*

*_गपुरी खेड़े को मन्न के जाग_*

 

*_हेमराज गधिले को मन्न के जाग_*

*_अस्त बली को मन्न के जाग_*

 

*_नौ नाथों को मन्न के जाग_*

*_चौरासी सिद्धों को मन्न के जाग_*

 

*_तेरे संग कौन चले_*

*_भैरों हनुमान रख्ता चले_*

 

*_माई कालका चले_*

*_माई मदानण चले_*

 

*_कुडडीया वीर चले_*

*_बावरी वीर चले_*

 

*_अनंत कोटि सिद्ध चले_*

*_मेरे चलाये ना चले_*

 

*_मेरे गुरु के चलाये चले_*

*_दादा गुरु के चलाये चले_*

 

*_गुरु गद्दी के चलाये चले_*

*_गुरु गोरखनाथ के चलाये चले_*

 

*_नाथ सिद्धों की तलवार_*

*_वीरों का वार_*

 

*_छड़ी ले जाये_*

*_अला बला को सात समुन्दर पार_*

 

*_इतना जाहर छड़ी जाप सम्पूर्ण सही_*

*_नाथ जी गुरुजी को आदेश आदेश_*

 

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