नईदिल्ली ; 20 अप्रैल ; रेखा दीपक/अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;—देह झुलसाती गर्मी के पड़ते चोरों के पौ बारह होना तो स्वाभाविक ही है ! दिल्ली पत्थरों के बीहड़ में ये वाक्यात घटना आम बात है ! वैसे भी अब दिल्ली को बद जुबान और बेदर्द दिल वालों की दिल्ली बोलै जाना सटीक लगता भी है ! क्योंकि बदजुबान इसी लिए यहाँ युवक सरेआम पास से गुजरती महिला युवती यहाँ तक कि बुजुर्ग महिला तक को फूहड़ फब्बतियां कसते आम सुने जा सकते हैं ! और बेदर्द दिल वाले ऐसे कि दिल्ली में लड़कियों के साथ जो जघन्य कुकर्म अंजाम दिए जा रहे हैं ये तो साबित भी यही करते हैं ! दिल्ली अब एक पर्यटक स्थल की बजाए कुकर्मों की बेशर्मों और बेदिलों की दल्ली बन कर रह गयी है ! क्या मजाल यहाँ के युवा एकजुट होकर किसी बेसहारा अकेली युवती को छेड़ने वालों का सामना कर सकें उनको छठी का दूध याद करवाने की कुव्वत रखते हों ! इंसानियत यहाँ दागदार होकर अन्यत्र पलायन करने को बेबस हुई जा रही है ! इक दूजे से नाता न रखने और कुशलक्षेम न जानने का लाभ चोर डकैत खूब सरेआम दिनदिहाड़े उठाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं ! ऐसा ही इक वाक्यात उत्तरी पूर्वी [नार्थ वेस्ट ] दिल्ली के प्रशांत विहार पुलिस स्टेशन क्षेत्र में रोहिणी के सेक्टर 16 में आज दिनदिहाड़े घटा और घरवालों की अनुपस्थिति का भरपूर फायदा उठाते हुए चोर घर का सारा माल खोजबीन करके बड़े आराम से घर को खंगाल कर नौ दो ग्यारह हो गए ! वारदात इ –1 /23 मकान में तब हुई जब घर का मालिक राहुल शुक्ल अपनी दुकान पर गए हुए थे और बीबी पूजा शुक्ल अपनी दोतीन माह की बेटी को लेकर अपने पीहर गयी हुई थी ! चोरों ने घर में कोई नहीं की थाह लेते ही घर में चोरी को अंजाम देते हुए अलमारी खोल कर हाथ की घड़ियां व् चांदी के जेवरात और नकदी आदि लेका चम्पत हो गए ! खबर लिखे जाने तक पुलिस को इत्तला की गयी या नहीं मालूम नहीं पड़ा ! चोर और क्या क्या ले गए इसकी भी सुचना मिलनी बाकि है ! पुलिस थानां में सम्पर्क नाकाम रहा ! पड़ोसी के अनुसार दुकान से लड़का जब पानी लेने घर आया तो दरवाजा अंदर से ही बंद मिला ! पछवाड़े जाकर देखा तो पिछ्ला दरवाजा खुला था ! शुक्ला से भी बात करने में नाकामी बनी रही !