राष्ट्रीय ध्वज का किया अपमान पुलिस ने लिया हिरासत में मुकदमा किया दर्ज

Loading

चंडीगढ़/खड्डा-कुशीनगर:- 19 अगस्त:- अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:— खड्डा थानाक्षेत्र में एक युवक द्वारा तिरंगे झण्डे से अपनी सिलाई मशीन की सफाई करने का सोशल मीडिया पर  वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपी युवक के विरूद्व मामला दर्ज कर गिरफ्तार लिया। लेकिन वीडियो बनाने वाले पर कोई कार्यवाही नही होने से पुलिस सवालों के घेरे में है।

बताते चलें सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक युवक भारतीय शान तिरंगा झण्डे से अपनी सिलाई मशीन की सफाई कर रहा है। सामने से वीडिये बनाया गया है। वीडियो वायरल होने के बाद तमाम सवाल उठने लगे। जांच में पाया गया वह वायरल वीडियो कुशीनगर जिले के खड्डा थानाक्षेत्र अन्तर्गत ग्राम लखुआ लखुई का है। और युवक की पहचान वाजे शरीफ पुत्र मदीन अली के रूप में हुई।

मामले की जानकारी मिलते ही खड्डा पुलिस 18 अगस्त 2022 की देर शाम आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया। और आज शुक्रवार मुकदमा अपराध संख्या 199/22 धारा 02 राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 अन्तर्गत गिरफ्तार कर लिया है।

वीडियो बनाता रहा, लेकिन रोका नही।

यहां सवाल यह है कि जब तिरंगे का अपमान किया जा रहा था। तो सामने से 53 सेकेंड का वीडियो बनता रहा। अगर सामने अपमान हो रहा था। और न रोक कर वीडियो बनाता रहा।  तो दोषी वह भी हुआ। जिसने वीडियो बनाया। और सोशल मीडिया पर डाला। ऐसे में वीडियो बनाने वाले की मंशा भी साफ नही लगती। क्यों कि 53 सेकेंड कम समय नही होता, अगर अपमान हो रहा था तो तत्काल उसे रोकना चाहिए। लेकिन वीडियो बनाने वाले ने रोकना उचित नही समझा। पुलिस को वीडियो बनाने वाले पर भी करनी चाहिए कार्यवाही। पुलिस ने तिरंगे का अपमान करने वाले पर तो कार्यवाही कर दिया। लेकिन सामने हो रहे अपमान का 53 सेकेंड तक वीडियो बनाने और सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले पर कोई कार्यवाही न करना सवालों के घेरे में खड़ा कर दे रहा है, कि आखिर पुलिस उस पर क्यों मेहरबान है।

वहीं, इस घटना में वीडियो बनाने वाले का पक्ष लेने वालों की भी कमी नहीं है। लोगों का कहना है कि पुलिस के पास क्या सबूत है कि उसने रोका नहीं। और अगर उसने रोका भी होगा। तो मानने वाला नहीं माना तो इसमें उसका क्या दोष है। यह तो उसने अच्छा किया कि वीडियो बनाकर वायरल कर दी। नहीं तो, यह दोष अपराध ऐसे ही अंधेरे में दफन हो जाता। और अपराधी को इसकी सजा भी ना मिल पाती। कुछ लोगों का कहना है वीडियो बनाने वाले को शाबाशी देनी चाहिए ना कि उस पर दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।

             वहीं दूसरी और कुछ लोग दोनों को दोषी मान रहे हैं। लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट बोल रहे हैं कि आगे से फिर ऐसे अपराध करने वालों को कोई भी कानूनी तौर पर सजा दिलाने के लिए उनकी वीडियो नहीं बनाएगा। अब यह फैसला कानून से ज्यादा जनता की अदालत में है कि वीडियो बनाने वाला दोषी है या नहीं है।। अनेकों जगह वीडियो बनाने वालों को मारा पीटा भी गया है। वहां कानून और जनता ने अपना क्या रोल अदा किया है यह भी सवालों के घेरे में होना चाहिए। क्योंकि अगर अपराधी अपराध करने वाला उसको रोकने वाले को मारता पीटता, तो वीडियो बनाने वाले की जान की रक्षा का जिम्मा किस के हवाले होता। तो क्या कानून उसकी जान की रक्षा का दायित्व निभाता। यह पुलिस उस पर किसी तरह की हुई मारपीट नहीं होने देती, इसका आश्वासन देती है। और जिम्मेदारी लेती है। तो वीडियो बनाने वाला भी दोषी करार होना चाहिए। और सजा का हकदार है।।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

195146

+

Visitors