त्रिदोषनाशक पंजीरी घर में शुद्धता के साथ पकाएं भोग लगाएं महाप्रसाद खाएं:- पंडित कृष्ण मेहता

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चंडीगढ़:- 18 अगस्त:- आरके विक्रमा शर्मा/ हरीश शर्मा/ करण शर्मा /अनिल शारदा प्रस्तुति:— जगत पिता परमेश्वर सृष्टि के सृजन हार भगवान श्री कृष्ण जी महाराज का धरा “दिवस 19 अगस्त शुक्रवार को भौतिक संसार में धार्मिक आस्था और श्रद्धा के साथ-साथ हर्षोल्लास और भक्ति में वातावरण में मनाया जाएग  कहते हैं कि भगवान ने सबके लिए भोजन व्यवस्था भरपूर की है अगर पत्थर में कीड़े का जन्म हुआ है तो उसे खाने के लिए भी भगवान ने वहां से व्यवस्था की है यही भगवान की अलौकिक लीला का एक्शन भुंगर अंश और उदाहरण है तुझे भगवान ने सब के लिए आहार व्यवस्था की है तो क्यों ना भगवान की जन्माष्टमी पर भगवान को शुद्ध सात्विक और पवित्र तमो और रजोगुण* विमुक्त महापसाद का भोग लगाया जाए। अल्फा न्यूज़ इंडिया के माध्यम से लाखों कृष्ण भक्तों के लिए और करोड़ों आस्था बानो के लिए उत्तरी भारत के जाने-माने ज्योतिषाचार्य पंडित कृष्ण मेहता ने भगवान को भोग लगाया जाने वाला महाप्रसाद बनाने की पारंपरिक विधि और सामग्री का बखूबी वर्णन किया है।।।

जन्माष्टमी के दिन पंजीरी का प्रसाद बनाया जाता है जो कफ को शमन करता है । वात के प्रकोप, पित्त के संचय को कम करता है । यह पाचन के लिए, आंखों के लिए लाभदायक है । पंजीरी दिमागी तरावट, मस्तिष्क संबंधी समस्याओं फायदेमंद है ।*

*आवश्यक सामग्री*

*धनियां पाउडर- 100 ग्राम*

*देशी घी – 3 से 4 टेबल स्पून*

*मखाने – 10-15 ग्राम*

*पिसी चीनी – 100 ग्राम*

*नारियल बुरादा – 4 टेबल स्पून*

*काजू ,बादाम – 8 से 10 (बारीक कटे हुये)*

*चिरोंजी – एक चम्मच*

*विधि*

*कढ़ाई में 2 टेबल स्पून घी डालें और बारीक पिसे धनियां पाउडर को अच्छी खुशबू आने तक भून लिजिये । बचे हुए घी में मखाने डाल कर भुने लीजिये, मखाने भुनने के बाद मखाने को किसी भारी चीज से या हाथ से तोड़ कर बारीक या दरदरा कर लीजिये । काजू और बादाम को भी छोटे-छोटे टुकड़ो में काट लीजिये । अब भुने हुए धनियां पाउडर में मखाने, काजू , बादाम, नारियल मिला कर पंजरी बना लीजिए ।*

 

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