सबको शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधाएं प्रदान करना सरकार की जिम्मेवारी :- स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज

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सबको शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधाएं प्रदान करना सरकार की जिम्मेवारी :- स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज

सरस्वती नगर/यमुनानगर ;  8 मई ;राकेश शर्मा/अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;——श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी 350वीं जंयती(अवतरण दिवस)के शुभ अवसर पर सिटी सीनियर सैकेन्डरी स्कूल/रैनबो टोडलर्स स्कूल भम्भौली के नए सत्र व अवतरण दिवस समारोह में बोलते हुए हरियाणा के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज ने कहा कि खुशी की बात है कि स्कूल नए अवतार में आ रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूल की नई प्रबंधक समिति ने दायित्व लिया है और उन्हें आशा है कि नई प्रबंधक समिति शिक्षा के क्षेत्र में अपने दायित्व को बाखूबी निभाएगी।  

स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज ने कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य सामाजिक भलाई की अहम प्राथमिकताएं होती है। सबको शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधाएं प्रदान करना सरकार की जिम्मेवारी है। हमारे देश में इन दायित्वों को निभाने के लिए सामाजिक, धार्मिक व निजी क्षेत्रों  की संस्थाओं ने वहन किया है। यदि निजी संस्थाएं न होती तो लोगों को स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं का लाभ नहीं मिलता। उक्त सेवाओं के लिए वे सामाजिक, धार्मिक व निजी संस्थाओं को शैल्यूट करते हैं व आभार व्यक्त करते हैं कि सरकार की एक बड़ी जिम्मेवारी का कुछ हिस्सा ये उक्त संस्थाएं निभा रही है। 
श्री विज ने कहा कि स्कूल भारत की आधुनिक कार्यशालाएं हैं। बहुत वर्षों तक भारतवासी गुलाम रहे। विदेशियों को भारत से  कोई सहानुभूति नहीं थी। ईस्ट इण्डिया कम्पनी को अपना काम चलाने के लिए केवल पढ़ी लिखी मशीने चाहिए थी। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष में उच्च कोटि के नालदा विश्वविद्यालय जैसे विश्व विख्यात विश्वविद्यालय होते थे जिसमें संस्कारयुक्त हर क्षेत्र की शिक्षा भी दी जाती थी। भारत में स्थित विश्व विख्यात विश्वविद्यालयों में विदेशों से भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यार्थी आते थे, जिसे खराब करने का कार्य अंगे्रजी सरकार ने किया। उन्होंने कहा कि 1835 लार्ड मैकाले ने भारतीय संस्कृति व सभ्यता तथा शिक्षा को देखा और किसी को भुखे मरते नहीं देखा। लार्ड मैकाले ने महसूस कर ठान लिया कि यदि यहां के विद्यार्थियों/लोगों को यहां की संस्कृति एंव शिक्षा से अलग नहीं किया तो अंग्रेज ज्यादा समय तक भारत वर्ष पर राज नहीं कर सकेंगे। लार्ड मैकाले ने भारत के लिए नई शिक्षा नीति बनवाई जिसके कारण गुरू-शिष्य पद्वति व शिक्षा का संस्कार वाला हिस्सा समाप्त हो गया। लार्ड मैकाले की शिक्षा नीति से खाली किताबी ज्ञान देने वाला कार्य लम्बे समय तक भारत में चला। परन्तु अब सरकार शिक्षा के साथ-साथ संस्कार युक्त शिक्षा व संर्वागीण विकास पर ध्यान दे रही है ताकि बच्चे/विद्यार्थी आने वाली चुनौतियों का अच्छे ढंग से सामना कर सके। 
स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री ने कहा कि बच्चे कच्ची मिटटी की तरह होते हैं। हम चाहे तो उन्हें खराब या अच्छा बना सकते हैं। उन्होंने एक कहानी सुनाते हुए कहा कि एक बार एक कुम्हार मिटटी से चाक पर बर्तन बना रहा था। इसी दौरान उन्होंने अपने चाक पर कच्ची मिटटी से मिशाल बना डाली, उन्होंने मिशाल को बनाने के थोडी देर बाद सोचा और मिशाल वाली कच्ची मिटटी से ही कुम्हार ने सुराही बना डाली। कच्ची मिटटी ने कुम्हार से सवाल किया कि आपने पहले मिशाल क्यों बनाई और बाद में उसी मिशाल को तोडकर दोबारा उसी कच्ची मिटटी में सुराही क्यों बनाई। कुम्हार ने कच्ची मिटटी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि   मिशाल तो न जाने कितने लोगों का घर जला कर उन्हें दु:ख पहुचाती, जबकि सुराही ठण्डे पानी से लोगों की प्यास बुझाकर उन्हें सुख पहुंचाती। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसी प्रकार संस्कार विहीन शिक्षा समाज को नाश की ओर ले जाती है, जबकि संस्कारयुक्त शिक्षा ग्रहण करने से विद्यार्थी समाज, प्रदेश व देश को उन्नति के नए मार्ग पर अग्रसर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि  हमारे समाज को सही ढंग से शिक्षित होने में यह सुनिश्चित होना चाहिए कि संस्कार युक्त शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य कैसे लोगों के हाथ में है। उन्होंने कहा कि बलकेश वत्स का परिवार साहित्यकार परिवार है और इनके पिता जी ने कई शिक्षण संस्थाएं चलाने में अपना योगदान दिया है व अनेकों साहित्यिक पुस्तकें भी लिखी है। उन्होंने कहा कि सिटी सीनियर सैकेन्डरी स्कूल/रैनबो टोडर्लस स्कूल भम्भौली में बच्चों का सर्वांगीण विकास किया जाएगा। ऐसी उन्हें उम्मीद है। 
श्री विज ने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए अनेक महापुरूषों ने कुर्बानियां दी है, जिन्होंने देश को आजाद करने में अपना जीवन न्यौछावर किया है उनको याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज हम अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। अनेकों महापुरूषों एवं योद्वाओं ने हंसते हंसते फांसी पर चढकर अपने प्राण न्यौछावर किए है तथा अंसख्यों ने अंडेमान-निकोबार की सैल्यूलर जेल में जीवन बिताया है। ऐसे महापुरूषों को हमें हमेशा याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी की 350वीं जंयती(अवतरण दिवस) के अवसर पर आज इस स्कूल का अवतरण हो रहा है। आज का यह दिन व यहां आयोजित कार्यक्रम श्री गुरू गोबिन्द जी को समर्पित है, जो एक संत व योद्वा सिपाही एवं जनरल थे। उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने चारों पुत्र वार दिए। ऐसे श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी को हमेशा याद करना हम सबका धर्म है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें भरोसा है कि सिटी सीनियर सैकेन्डरी स्कूल/रैनबो टोडलर्स स्कूल भम्भौली से शिक्षा ग्रहण कर यहां के विद्यार्थी अपने गांव, क्षेत्र, प्रदेश व देश का नाम रोशन करेंगे। 
स्कूल अवतरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए सढौरा के विधायक बलवन्त सिंह ने कहा कि वर्ष 2017 में  श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी का जन्म दिहाड़ा प्रदेश सरकार मना रही है।  जिन्होंने समाज के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर किया है। उन्होंने कहा कि महान गुरू के नाम पर स्कूल का नया सत्र शुरू किया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की इस स्कूल से अधिक से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर क्षेत्र का रोशन करेंगे। 
जिला उपायुक्त रोहतास सिंह खरब ने कहा कि सभी व्यक्ति श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी व अन्य महापुरूषों के जीवन से शिक्षा ग्रहण करेंगें ऐेसी उनको उम्मीद है। भारत वर्ष में गुरू गोबिन्द जी के बलिदान का कोई दूसरा सानी नहीं है। उन्होंने कहा कि श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के 350 वीं जंयती को हरियाणा सरकार अलग-अलग तरीकों से मना रही है। गुरूद्वारा गोबिन्दपुरा के प्रबंधक एवं संचालक बाबा जसदीप सिंह ने गुरू गोबिन्द सिंह जी महाराज जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला और समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों, क्षेत्र के लोगों व सरपंचों, अधिकारियों,स्कूल प्रबंधक समिति के सदस्यों व अध्यापकों आदि को मुख्यातिथि अनिल विज द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में दीपक ने कन्याओं की भ्रूण हत्या को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने हेतू शुफियाना कलाम पेश किया। इसके अलावा स्कूली बच्चों ने लघु नाटिका व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जिसे लोगों ने बहुत सराहा। अश्वनी शर्मा ने स्कूल प्रबधंक समिति को 51 हजार व सरदार मनमोहन सिंह ने 21 हजार रूपये की राशि शिक्षा कार्यों को बढ़ावा देने के लिए दिए। 
इस अवसर पर जगाधरी के एसडीएम भारत भूषण कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी आनंद चौंधरी, सिविल सर्जन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी राजेन्द्र गुप्ता, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी गगनदीप सिंह, जिला सूचना एवं लोक सम्पर्क अधिकारी स्वर्ण सिंह जंजोटर, सरस्वती नगर के बीडीपीओ नरेन्द्र कुमार मल्होत्रा, स्कूल प्रबंधक समिति के सदस्य बलकेश वत्स, नवीन शर्मा, राजेन्द्र सिंह, अनुकांत वत्स, जिला परिषद सदस्य सोहन लाल, अम्बाला के पार्षद सतपाल ढल, जसपाल जस्सी भम्भौली के सरपंच राजदुलारी, नम्बरदार रामभूल सहित क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति अनेकों ग्राम पंचायतों के सरपंच व अधिकरी भी उपस्थित थे। 

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