चंडीगढ़: 1 जुलाई:- आर के शर्मा विक्रमा/ हरीश शर्मा/ करण शर्मा/ राजेश पठानिया+ अनिल शारदा :- हरियाणा से एक बहुत ही दिल दहला देने वाली और शर्मनाक खबर सामने आ रही है कि एक जज महोदय को जान से मारने यानी कत्ल कर देने की धमकी दी जा रही है! इसी को लेकर हरियाणा प्रदेश की पुलिस पूरी तरह सजग है। और धमकी देने वाले की छानबीन में जुटी है। जज को यह कौन क्यों किस लिए जान से मारने की धमकी दे रहा है। यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है। समाचार पत्रों में प्रकाशित इस खबर के मुताबिक जिला रोहतक के डिस्टिक एंड सेशन जज को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। ईमेल के जरिए धमकी दी गई है! आरोपी खुद को एक अच्छा खासा सरगना बता रहा है। गोली मारकर कत्ल करने की बात कही गई है। पुलिस जांच में जुटी है। पूरी मुस्तैदी से छानबीन हर पहलू पर की जा रही है।
लेकिन ऐसा इस देश में पहली बार नहीं हुआ है कि किसी जज को मारने की धमकी दी गई है। सबसे तीखा विचारणीय सवाल यह है कि जब एक जज ही सुरक्षित नहीं है। तो यह कानून-व्यवस्था आम आदमी की क्या हिफाजत करवा सकती है? इस खबर ने हरियाणा वासियों के ही नहीं, तमाम देशवासियों के होश फाख्ता कर दिए हैं कि उनकी अपनी जान को भय सता रहा है। दहशत व भय का माहौल व्याप्त है कि आखिर इस देश में अब कौन कैसे किस आधार पर सुरक्षित रह सकता है। आम आदमी की यहां जान की वैल्यू और हिफाजत का मापदंड और गारंटी है ही क्या।। लोकतंत्र में यह पहली मर्तबा नहीं है कि एक न्यायपालिका से जुड़े माननीय को कत्ल करने का फरमान सुनाया गया है कि कोई उसे जान से गोली से उड़ा देगा। ऐसे लोगों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। तुरंत अरेस्ट कर के उन्हें सीखचों के अंदर धकेलना चाहिए। ताकि दूसरे ऐसे असामाजिक हिंसक तत्वों को भी नसीहत मिले कि इस तरह से अनाप-शनाप बकने या किसी के प्रति हिंसक रुख अपनाने की सजा कितनी सख्त हो सकती है। यह अब कोर्ट को ही बताना होगा। और देशवासियों में विश्वास जगाना होगा कि उनकी जान की हिफाजत के लिए न्यायपालिका सक्षम और सफल है ऐसे असामाजिक हिंसक तत्वों से निपटने के लिए न्यायपालिका कठोर कदम उठाते हुए कठोर फैसले ले सकती है।