चंडीगढ़ 29 जून:- आर के विक्रमा शर्मा/ हरीश शर्मा/करण शर्मा/राजेश पठानिया/अनिल शारदा प्रस्तुति:–आपातकाल के काले काले में एक्ट्रेस स्नेहलता को 8 महीने जेल में बिना कपड़ो के रखा, हर रोज पिटाई वो भी पुरुषों से! जेल से निकले के 5 दिन बाद ही मृत्यु हो गई, ये झेला है देश ने।
अटल बिहारी वाजपेयी ने सुनाई थी दर्दनाक दास्तां…
स्नेहालता रेड्डी बेहिसाब अत्याचार केवल इसलिए किए गए क्योंकि वह बड़े समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस की मित्र थीं जिन्हें इमरजेंसी के समय पुलिस पकड़ने की कोशिश में थी।
आज ही के दिन यानी 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी को घोषणा की थी 25 और 26 जून 1975 की रात इंदिरा गांधी के आदेश पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के दस्तखत के साथ देश में आपातकाल लागू हो गया था। यह इमरजेंसी 21 मार्च 1977 को खत्म हुई। 19 महीने तक देश में इमरजेंसी लगी रही। 19 महीनों में लाखों को जेल हुई और बेवजह यातनाएं दी गईं।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी ही अभिनेत्री स्नेहालता रेड्डी के बारे में जिनका कसूर कुछ नहीं था, लेकिन उन्हें महंगा पड़ा एक राजनेता से दोस्ती करना। एक्ट्रेस पर बेहिसाब अत्याचार केवल इसलिए किए गए क्योंकि वह बड़े समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस की मित्र थीं जिन्हें इमरजेंसी के समय पुलिस पकड़ने की कोशिश में थी।
कौन थीं स्नेहालता रेड्डी?
स्नेहलता एक एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री, निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता थीं, जिन्हें कन्नड़ सिनेमा , कन्नड़ थिएटर, तेलुगु सिनेमा और तेलुगु थिएटर में उनके कामों के लिए जाना जाता है। स्नेहलता का जन्म 1932 में आंध्र प्रदेश राज्य में ईसाई धर्मान्तरित लोगों के घर हुआ था। उन्होंने औपनिवेशिक शासन का कड़ा विरोध किया था। उन्होंने अंग्रेजों से इस हद तक नाराजगी जताई थी कि वह अपने भारतीय नाम पर लौट आई और केवल भारतीय कपड़े पहनती थीं। स्नेहलता का विवाह कवि, गणितज्ञ और फिल्म निर्देशक पट्टाभि रामा रेड्डी से हुआ था। दंपति प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और कार्यकर्ता डॉ. राम मनोहर लोहिया के लिए समर्पित थे।
स्नेहलता पर आरोप लगाए गए थे कि वह डाइनामाइट से दिल्ली में संसद भवन और अन्य मुख्य इमारतों को धमाका कर उड़ाना चाहती थीं। हालाँकि आखिर में इनमें से कोई भी आरोप साबित नहीं हुआ। लेकिन ‘मैंनेटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट’ के तहत स्नेहलता की कैद जारी रही। मीसा एक्ट वही एक्ट है जिसके तहत आपातकाल में सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां हुई थी।
स्नेहलता को जेल में बंद किया गया तो वह एक ऐसी कोठरी में थी, जिसमें सिर्फ एक ही व्यक्ति रह पाए। उस कोठरी में पेशाबघर की जगह पर कोने में एक छेद बना हुआ था और दूसरे छोर पर लोहे का एक जालीदार दरवाजा लगा हुआ था।
स्नेहलता ने कारावास के समय कई रातें फर्श पर सोकर गुजारीं। पूरे 8 महिने तक एक फेक केस में स्नेहलता को असीम प्रताड़नाएं दी जाती रहीं। जेल में उनके बगल की कोठरी में बंद किए गए अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी ने बाद में बताया था कि कारावास के समय उन्हें किसी महिला के चीखने की आवाज सुनाई देती थी। बाद में पता चला कि वह कन्नड़ अभिनेत्री स्नेहलता थीं।
एक्ट्रेस स्नेहलता अस्थमा की मरीज थीं इसके बावजूद उन्हें जेल में कठोर सजा दी जा रही थी और उपचार भी नहीं दिया जा रहा था। यह बातें स्वयं स्नेहलता ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के समक्ष रखीं थीं। जेल में तबियत बिगड़ने के कारण 15 जनवरी 1977 को उन्हें पैरोल पर रिहा कर दिया गया था। रिहाई के 5 दिन बाद ही 20 जनवरी को उनकी मृत्यु हो गई।