चोरी सीना जोरी वो भी अल्पसंख्यकों की बहुसंख्यक वर्ग पर आखिर कब तक????

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चंडीगढ़/ गाजियाबाद: 16 जून : राजेश  पठानिया /अनिल शारदा /दीपक शुक्ला प्रस्तुति:–बेशर्मी और निर्लज्जता की हद देखिए…..

*एक हिन्दू महिला के विरुद्ध लगातार आग उगल रहे है, जान से मारने के फतवे दे रहे है, बलात्कार की धमकी दे रहे है और ये हाल तब है जब ये मात्र 25% है*

गम्भीरता से सोचिए आपके सामने आपकी महिला को कट्टरपंथी खुलेआम गर्दन काटने, बलात्कार की धमकी दे रहे है, पोस्टर चिपका रहे है जहां आप बाहुल्य समाज है.

_उनका दुस्साहस देखिए आपके इलाके में जाकर आपकी महिला के विरुद्ध प्रदर्शन में आपकी दुकानें बंद करवाने पहुंच गए. नही माने तो पत्थरबाज़ी कर दंगा कर दिया._

ये हाल तब है जब वे 20 दिनों से लगातार फव्वारा चिल्ला रहे है.

यहां मसला केवल एक महिला का नही बल्कि गर्दन काटने को उतारू उस कट्टरपंथ मानसिकता का है जिसका प्रतिकार बहुत आवश्यक है. समय रहते इसे बढ़ने से रोकना बहुत आवश्यक है वरना देश जंगलराज हो जाएगा.

इसे यही रोकिये, हल्के में मत लीजिए..

मानवता वाली भूमि को रेगिस्तान बनने से रोक लीजिए..

आप घिर चुके हैं……

ठीक उसी प्रकार जैसे शतरंज मे राजा को प्यादे,_

 

_जंगल मे शेर को भेड़िए,_

 

और चक्रव्यूह में अभिमन्यु…….

 

_शरजील इमाम ने “चिकेन नेक” की बात की, आप जानते हैं हर शहर का एक चिकन नेक होता है! हर बाजार का एक चिकेन होता है और सभी चिकन नेक पर उनका कब्जा है।_

 

आप अपने शहर के मार्केट निकल जाइए अपना लैपटाप बनवाने मोबाईल बनवाने या कपड़े सिलवाने आप को अंदाजा नही है कि चुपचाप “बिजनेस जिहाद” कितना हावी हो चुका है।

 

गुजरात का जामनगर हो, लखनऊ का हजरतगंज, मुम्बई का हाजी अली, गोरखपुर का हिंदी बाजार या दिल्ली का करोलबाग “चेक मेट” हो चुके हैं आप हर जगह इनका कब्जा हो चुका है!

 

उतने जमीन पर आप के मंदिर नही हैं जितनी जमीनें उनके पास “कब्रिस्तान” के नाम पर रसूल की हो चुकी हैं! एक दर्जी की दुकान पर सिलाई करने वाले सभी उनके हममजहब है, चैन से लगायत बटन तक के सप्लायर नमाजी हैं! ढाबे उनके होटल उनके ट्रांसपोर्ट का बड़ा कारोबार हो या ओला उबर का ड्राइवर सब जुमा वाले हैं।

 

आप शहर में चंदन जनेऊ ढूढते रहिए नहीं पाएंगे, वहीं हर चौराहे पर एक कसाई बैठा है।

 

घिर चुके हैं आप !

 

उपाय इसका इतना आसान नही है गहराई से काम करना होगा, अपनी दुकानें बनानी होंगी अपना भाई हर जगह बैठाना होगा।

 

वरना #गजवा_ए_हिंद चुपचाप पसार चुका है अपना पांव, बस घोषणा होनी बाकी है।

 

शेर दहाड़ते ही रह गया, भेड़िए जंगल पर कब्ज़ा बना कर बैठ चुके हैं।

 

आँखे बंद करिए और ध्यान दीजिए हर जगह आप को नारा ए तकबील “अल्लाहु अकबर”!! सुनाई देगा……

 

और अगर नहीं सुनाई दे रहा है तो मुगालते मे हैं आप।

 

बस एक जवाब लिख दीजिए… और बता दीजिए कि *”कब जागेंगे आप”??*

 

*#सोचनीय*lll

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