चंडीगढ़ ; 21 मई ; आरके शर्मा /एनके धीमान ;—–जानेमाने क्रिकेटर से सियासतदां बने नवजोत सिंह सिद्धू के तेवरों से और हाजिर जवाबी सहित खुशमिजाजी से हर कोई बखूबी वाकिफ है ! अपनी सच्ची पक्की बात बेबाकी और बेफिक्री से करने के लिए जाने जाते नवजोत सिंह सिद्धू ने भाजपा और शिअद पूर्व सत्तासीन सरकार को अलविदा कहकर खूब मंझी सियासत खेलते हुए कांग्रेस का दामन सीधे दिल्ली दरवार में जाकर राहुल गाँधी की हाजिरी में थामा था ! यानि कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह की भी सीधी प्रभुत्त्व नहीं स्वीकारा था ! सिद्धू दम्पति पब्लिक की सेवा और जनहितैषी कार्य करवाने वाले लीडरों में शुमार माने जाते हैं ! और जनता के काम में आड़े आने वाले से खुद को अलग करने के लिए भी जाने जाते हैं ! सूबे में कांग्रेसी कैप्टन सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और बादलों में बना 36 का आंकड़ा अभी भी यथावत है ! तभी तो आज फिर सिद्धू ने बादल बाप बेटे को सियासी तंज के लपेटे में लिया और उनके ही गाँव बादल में खुली बहस की चुनौती दे डाली !
नवजोत सिंह सिद्धू ने ललकार भरी कि वह बड़े बादल प्रकाश सिंह बादल और छोटे बादल यानि सुखबीर सिंह बादल यानि काका जी से उनके ही गांव में आकर कभी भी किसी भी मुद्दे पर खुली बहस करने को तैयार और तत्पर बैठे हैं ! सिद्धू ने अपने चिरपरिचित अंदाज में हुंकार भरी कि मजीठिया और बादल कुनबे कागजी शेरो के कुनबे हैं जो सिर्फ सरकारी तंत्रों के दुरपयोग से सत्तासीन रहना और राज चलाने के सिवा कुछ नहीं जानते हैं ! सिद्धू के मुताबिक बादल और मजीठिया दोनों ही डरपोक हैं ! वो भी अव्वल दर्जे के ! पुराने गढ़े मुर्दे उखाड़ते हुए
लोकल बॉडीज एंड टूरिज्म एंड कल्चरल अफेयर्स मिनिस्टर नवजोत सिंह सिद्धू ने बड़े बादल साहब की दबी और नामालूम एक सच्ची बात आज मीडिया के जरिये सबसे सांझी की कि प्रकाश सिंह बादल जब अपने बादल गाँव के सरपंच थे तब अपने क्षेत्र के पुलिस थाने में थाना प्रभारी के कमरे में जोड़े [ जूतियां ] खोल कर जाते थे ! ये बात उन दिनों की है जब पुलिस की हिम्मत गांव में बिना सरपंच की इजाजत से घुसने की नहीं हुआ करती थी !