जोधासर की रोह में देर रात हुई आगजनी में तबाह हो गया काश्तकार परिवार

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जोधासर की रोह में देर रात हुई आगजनी में तबाह हो गया काश्तकार परिवार 
– ढाणी में लगी आग से बुझ गया घर का इकलौता चिराग – मां-बहन किया था बचाने का प्रयास बीकानेर ; मई ; चंद्रभान सोलंकी /अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;----- तुफानी आंधी के बाद मंगलवार देर रात्रि को श्रीडूंगरगढ़ में स्थित जोधासर में काश्तकार की ढाणी में भभकी भीषण आग की चपेट में आने से 11 वर्षीय मासूम की मौत हो गई। तथा उसकी 15 वर्षीय बहन गंभीर रूप से झुलस गई जिससे पीबीएम की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार मंगलवार रात्रि को आई तुफानी आंधी के दौरान चुल्हे से उठी चिंगारी के कारण काश्तकार मोहनसिंह राजपूत की ढाणी में बने दो कच्चे झोपड़ों में भीषण आग पकड़ ली, इन झोपड़ों में मोहन सिंह का 11 वर्षीय लड़का विक्रम सिंह सो रहा था। जिस झोपड़े में लगी आग अहसास नहीं हुआ और देखते ही देखते दोनों झोपड़े चिता की तरह सुलगने लगे और आग की लपटों से घिरे एक झोपड़े का छप्पर विक्रम सिंह के ऊपर जा गिरा । झोपड़ी में लगी भीषण आग में फंसे 11 वर्षीय विक्रम सिंह को चबाने के लिये उसकी मां किरण कंवर और बहन कमला कंवर ने काफी प्रयास किया। किरण कंवर तो धधकती आग की परवाह किये बगैर बेटे को बचाने के लिए झोपड़े के अंदर घुस गई। लेकिन लपटों से घिरे भारी भरकम छप्पर के नचे दबे विक्रमसिंह को बचा नहीं पाई। उसके बचाने के प्रयास में बहन कमल कंवर भी बुरी तरह झुलस गई। भीषण आग की चपेट में आने से झोपड़े के पीछे बाड़े में बंधी तीन बकरियां भी झुलसकर मौत के शिकार हो गई। आगजनी के समय मोहनसिंह अपनी खेत की दूसरी ढाणी के झोपड़े में सो रहा था। उसकी आंखे खुली तब तक इकलौता बेटा विक्रम सिंह मौत की नींद सो चुका था। प्रलयकारी आग की लपटों में घिर मोहनसिंह के ढाणी के झोपड़ों को देखकर आस-पास के ग्रामीणों में हाहाकार मच गया। लोगों ने इधर-उधर से पानी का बंदोबस्त कर बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया तब तक आग की चपेट में आने से ढाणी में रखा सामान व नकदी व जेवरात भी जल गये।

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