जैसलमेर ; मई ; चंद्रभान सोलंकी ;---- पशु शिविर व चारा डिपों नहीं खुलने से पशुओं की अकाल और दर्दना मौत से हर और उदासी और खिन्नता छाई है ! जिले में 8 से 10 किलोमीटर घुमने के बाद भी पशुओं को नहीं मिल रहा है चारा व पानी और त्राहि त्राहि बढ़ती जा रही है ! जिले में अकाल से विकट स्थित हुई उत्पन्न, तो प्रशासन अभी तक मूक दर्शक बना हुआ बेजुबान जानवरों की दर्दनाक मौतों का नजारा ताक रहा है ! सोढ़ाण व बसिया क्षेत्र के 75 हजार पशुआें पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं ! नेता,अधिकारी और समाजिक सरोकार रखने वाले पदाधिकारी आदि सब बेपरवाह बने हुए हैं ! राज्य सरकार द्वारा जैसलमेर जिले को अकालग्रस्त घोषित करने के बाद भी क्षेत्र में चारा डिपो व पशु शिविर नहीं खोले गए है। जिसके कारण आए दिन पशुओं की अकाल मौत हो रही है। वहीं जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है।जैसलमेर के सोढ़ाण व बसिया क्षेत्र में पड़ रहे भयंकर अकाल ने आम जन के साथ ही पशुओं की हालत खराब कर दी है। गौरतलब है कि सबसे ज्यादा पशु बाहुल्य क्षेत्र वाले इलाकों में इन दिनों पानी की भारी किल्लत चल रही है। इस क्षेत्र में 75 हजार के करीब पशुओं को प्यास के मारे 8 से 10 किलोमीटर घुमने के बाद भी पानी नहीं मिल रहा है। जिससे मूक पशुओं के सिर पर अकाल में खतरे के बादल मंडरा रहे है। क्या मुख्यमंत्री और जिले के मंत्री समय पर जागेंगे या अपनी आलिशान कोठियों में ऐसी की हवा ही फांकेंगे और अगले चुनावों में जनता और पीड़त समाज इनको हवा फँकवायेगा !!