चंडीगढ़/अबोहर:26 मई:- धर्मवीर शर्मा राजू:–वास्तु विज्ञान के ऊर्जा के सिद्धांत के अंतर्गत जैसा कि आप सभी जानते होंगे- दो प्रकार की ऊर्जा होती है। एक चीजों को अपनी और आकर्षित करती है और दूसरी अपने से दूर करती हैं। वास्तु विज्ञान के अंदर कई प्रकार की ऐसी वनस्पतियों का वर्णन किया गया है जो कि ऐसी उर्जा को अपनी और आकर्षित करने में सक्षम हैं, जिससे कि भौतिक सुखों की निरंतर प्राप्ति होती रहती है एवं धन की कमी नहीं रहती।
: सबसे पहले हम आपको बताते हैं मोहिनी पौधे के बारे में जिसमें कि ऐक ऐसा गुण है जो कि अपनी तरफ आकर्षित करने का विशेष गुण रखता है। यह पौधा गहरे हरे रंग का होता है और इसकी पत्तियां मोटी एवं चिकनी होती हैं। इसे मनी ट्री कहकर भी संबोधित किया जाता है। यह एक दक्षिण अफ्रीकी पौधा है। यह पौधा वसंत ऋतु के आरम्भ में तारानुमा सफेद और गुलाबी फूलों को उत्पन्न करता है जो कि बहुत ही आकर्षक होते हैं। इस पौधे को कुर्सेला भी कहा जात है। इस मोहिनी पौधे को घर के मुख्य प्रवेश द्वार दाहिनी तरफ उत्तर दिशा में ही रखना चाहिए। जिससे यह पौधा ऐसी ऊर्जा उत्पन्न करता है जो कि माता लक्ष्मी के खजांची कुबेर को आकर्षित करती है। जिससे कि धन के आगमन के योग बन जाते हैं परन्तु यह पौधा अत्यंत ही दुर्लभ होता है।
दूसरा पौधा है ड्रासाईना- यह पौध जिस भी घर में या ऑफिस में रखा जाता है। उस स्थान पर रह रहे व्यक्तियों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है। सकारात्मक कार्य को करने के लिए प्रोत्साहित करता है और सफलता प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है। यह पौधा ऐसी एनर्जी रिलीव करता है, जिससे कि आस-पास के वातावरण में पॉजीटिविटी बढ़ती है।
तीसरा पौधा है बैंबू ट्री- आपने अधिकतर स्थानों में कांच के बाउल में हरे रंग के बैंबू अर्थात हरे रंग के बांस के पौधे को जरूर देखा होगा। यह अधिकतर बुद्ध ग्रह का ही प्रतीक है और बुद्ध ग्रह विद्या, बुद्धि, व्यापार, मैनेजमेंट, आई.टी., इत्यादि के कार्यक्षेत्र से संबंधित होता है। जो भी जातक इन बताए गए रोजगार से किसी न किसी रूप में अटैच होते हैं, उन्हें यह हरे बांस का पौधा व्यापार स्थान हो या घर के मंदिर में ईशान कोण या उत्तर दिशा में रखने से व्यापार और धन प्राप्ति के मार्ग में आ रही बाधाओं को दूर करता है। सकारात्मक प्रभाव की वृद्धि करता है और मन से अनावश्यक भय को दूर कर पॉजीटिव प्रभाव को बढ़ाता है।
इसी के साथ अलग-अलग जातको के ग्रहों की स्थिति के अनुरूप ही वास्तु रेमेडीज का जातको के ग्रहों की अनुकूलता के हिसाब से ही प्रभाव पड़ता है जो किसी प्रबुद्ध ज्योतिष वैज्ञानिक से ही सलाह लें क्योंकि बिना ग्रहों की पूर्ण जानकारी के वास्तु कम्पलीट नहीं हो सकता। वास्तु विज्ञान जो कि ज्योतिष विज्ञान की भवनों के निर्माण एवं भवन सुख संबंधित एक छोटी सी शाखा ही है।