बिना विष निकले अमृत कदापि भी संभव नहीं है:- कथा व्यास शिवम जी

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चंडीगढ़/ कुरुक्षेत्र:- 25 मई:- आरके विक्रमा शर्मा/ हरीश शर्मा /राकेश शर्मा:— जिला कुरुक्षेत्र स्थित इंटरनेशनल भगवान श्रीकृष्ण म्यूजियम के बिल्कुल सामने श्री गीता धाम जोकि श्री जय श्री मार्ग पर स्थित है, में आजकल श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन पुर यौवन पर है। उक्त कथा के निमित्त 22 मई को श्रद्धा और आस्था के साथ नर नारियों ने सज धज कर सर पर पवित्र जल के भरे हुए कलश नारियल आम्र पत्ते और नाना प्रकार की सजावट किए हुए क्लश उठाए हुए थे। और उन्होंने कलश यात्रा कथा स्थल पर संपन्न की। उक्त कथा के कथावाचक यानी कि व्यासपीठ वृंदावन वासी युवा कथा व्यास शिवम् विष्णु जी हैं।

और श्री गीता धाम में आयोजित इस श्रीमद् भागवत कथा के आयोजक और प्रबंधक पंडित रामकृष्ण शर्मा चंडीगढ़ पंचकूला वाले और उनकी अर्धांगिनी लक्ष्मी देवी शर्मा और समस्त शर्मा कुटुंब सहित रिश्तेदार मित्रगण शुभचिंतक हितेषी धर्म अनुरागी समाज है।

आज की धरमवत कथा को आगे बढ़ाते हुए कथा व्यास श्री शिवम विष्णु पाठक जी ने कहा कि बिना विष निकले अमृत संभव नहीं है। राधा माधव की महती अनुकम्पा के फलस्वरूप गीता धाम कुरूक्षेत्र में श्री कृष्णानुरागी पं शिवम विष्णु पाठक ने कथा के चतुर्थ दिवस अद्भुत प्रसंगों का वाचन किया । जडभरत चरित्र के माध्यम से मन, इन्द्री व आत्मा के परस्पर संबंध की चर्चा हुई। अजामिल उपाख्यान के माध्यम से नाम महिमा का गुणगान गाया गया। समुद्र मंथन का प्रसंग विस्तार से बताया गया। कथा व्यास ने कहा कि बिना विष निकले अमृत संभव नहीं । कथा व्यास पं पाठक ने बताया कि कठिन मार्ग पर कभी घबराना नहीं चाहिए। श्रोताओं से भरपूर कथागार में बड़े महाराज जी के साथ मुख्य यजमान धर्म और समाज सेवक पंडित रामकृष्णण शर्मा ने आज की कथा कुशरी विराम से पूर्व भोग से पहले श्री आरती की।

श्री गीता धाम की संचालिका और परम श्रद्धेय पूजा चरण गुरु महाराज ब्रह्मलीन 1008 श्री श्री गीतानंद जी महाराज की परम स्नेही शिक्षा और गुरु जी के अनन्य शिष्य पंडित रामकृष्ण शर्मा ने संयुक्त रूप से बताया कि श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिवस के चरण में   गुरुवार 26 मई को श्री राम व श्री कृष्ण जन्म की कथा का उत्सव मनाया जायेगा ।। भगवान श्री विष्णु जी का अवतार कह जाते भगवान श्री रामचंद्र जी और भगवान श्री कृष्ण जी महाराज के जीवन के रास लीला करते  करते और सद प्रेरणा देते कुछ प्रसंग भावपूर्ण गायन और नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किए जाएंगे। कथा को श्री विराम से पूर्व आरती और महा प्रसाद वितरित किया जाता है तत्पश्चात मौजूदा हाजिरी के लिए सभी के लिए स्वादिष्ट पौष्टिक रात्रि भोज की सराहनीय सुव्यवस्था की जाती है और श्री गीता धाम में आजकल प्रतिदिन परंपरागत चली आ रही परंपरा के अनुसार ही चाय और बिस्कुट या रस बंद कुछ भी बताओ रिफ्रेशमेंट सेवा में वितरित किया जाता है पंडित रामकृष्ण शर्मा और बुजुर्ग ज्ञान सिंह जी सवेरे की चाय और बिस्कुट आदि की व्यवस्था अवैध रूप से चला रहे हैं दोनों धर्म अनुरागी यों ने कहा कि जब तक गुरु महाराज जी की अनुकंपा बरसती रहेगी यह अटूट भंडार सब जरूरतमंदों के लिए भूखे प्यासे के लिए खुला रहेगा और भगवान श्री कृष्ण की धरती पर विशेषकर श्री गीता धाम से कोई भी साधु संत या भूख से व्याकुल खाली पेट नहीं जाएगा। और ना ही जाता है। इस भागवत कथा का श्री गणेश 22 मई को हुआ था। और श्री संपन्नता  29 मई को हवन यज्ञ पूर्णाहुति के साथ भगवान के महा भंडारा के रूप में संपन्न होगी।‌ आज की श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन के कथा चरण में एडवोकेट नवीन जी कुरुक्षेत्र वाले के परिजनों रिश्तेदारों ने भी माथा टेक कर श्री कृष्ण भगवान जी का दर्शन कर व्यासपीठ से आशीर्वाद लिया। और महा प्रसाद ग्रहण किया।

 

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