चंडीगढ़:15 मई:-राजेश पठानिया /अनिल शारदा +करण शर्मा प्रस्तुति:–जीएमसीएच में ड्यूटी के नाम पर कुछ सुपरवाइजरो द्वारा सुरक्षाकर्मी वर्करों को किया जा रहा है नाजायज तंग।। महिला सुरक्षाकर्मी बीपी बढ़ने से हुई बेहोश, बाकी स्टाफ के भी हाथ पैर फूल गए। आनन-फानन में बेसुध महिला सुरक्षा कर्मी को डॉक्टरों के सुपुर्द किया गया।
जीएमसीएच सेक्टर 32 अस्पताल में ड्यूटी के नाम पर कुछ सुपरवाइजरों द्वारा वर्करों को नाजायज तंग किया जा रहा है। इसका एक ताजा मामला बुधवार शाम को सामने आया था जिस दौरान एक महिला सुरक्षा कर्मचारी वर्कर इमरजेंसी गेट पर तैनात थी। और ड्यूटी के दौरान महिला कर्मी की तबीयत खराब हो गई। जिसके बारे में महिला कर्मी की ओर से ऑन ड्यूटी सुपरवाइजर ए एल मुर्गापन को इसके बारे में जानकारी दी गई ।लेकिन सुपरवाइजर की ओर से महिला कर्मी को सख्त आदेश दे दिए गए कि आप 1 मिनट भी गेट से इधर-उधर नहीं जाओगे। और खड़े रहोगे अगर आप बैठे तो मैं आप की गैर हाजिरी लगवा दूंगा ।। इसके बाद महिला कर्मी कुछ टाइम मुश्किल से ड्यूटी करती रही। लेकिन ड्यूटी के दौरान ही महिला कर्मी बेहोश होकर गिर पड़ी ।और आनन-फानन में उसको इमरजेंसी में दाखिल करवाया गया जहां पर डॉक्टर ने बीपी चेक किया तो वह बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ था । जिसके बाद डॉक्टर ने मेडिसन इमरजेंसी में महिला कर्मी को एडमिट कर लिया।
इमरजेंसी में तैनात एक सुरक्षा कर्मचारी ने नाम ना बताए जाने की शर्त पर बताया कि उनको सुपरवाइजर द्वारा नाजायज तंग किया जाता है ।और अगर सुपरवाइजर की किसी बात का विरोध वर्कर करते हैं। तो उनको मुख्य सुरक्षा अधिकारी के पास पेश किया जाता है । जहां से वर्कर को वार्निंग दिलाई जाती है। जबकि सुपरवाइजर के खिलाफ कोई भी एक्शन नहीं किया जाता। और ना ही वर्कर की कोई बात सुनी जाती है । ऐसा ही सलूक नाइट ड्यूटी में एक सुपरवाइजर जेम्स मर्जेस द्वारा वर्करों के साथ किया जा रहा है। वर्कर डर के मारे अपना दुख भी किसी को नहीं बता रहे। और घुट घुट कर ड्यूटी करने पर मजबूर हैं।
अल्फा न्यूज़ इंडिया को अपने सूत्रों से कंफर्म हुआ है कि और आउटसोर्सिंग एंप्लाइज पर बेफिजूल का मेंटली प्रेशर बनाया जाता है। हालांकि उन पर रोगियों के तीमारदारों का एक अलग से प्रेशर बना रहता है। ऐसे में लोगों को रोगियों को सुरक्षा देने वाले सुरक्षा गार्ड खुद बे फालतू का दिमागी प्रेशर झेलते हुए ड्यूटी पर ही गिर कर बेसुध हो रहे हैं। संबंधित अधिकारियों को समय रहते इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।। आखिर यह भी तो इंसान हैं। सो दया करें दया करें दया करें।।।
अस्पताल में पसरी चर्चाओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है ऐसे में ही कानाफूसी के दौरान सुना गया कि सुपरवाइजर ना जाने क्यों महिला सुरक्षाकर्मियों को बेवजह परेशान कर रहे हैं इसके पीछे उनकी मंशा कहीं अनैतिक तो नहीं है यह भी जांच का विषय है। आखिर किसके इशारे पर महिला सुरक्षा कर्मियों का यह मानसिक शोषण किया जा रहा है इसके पीछे क्या मकसद छुपा हुआ है यह अभी रहस्य के गर्त में है।