लाइन हाजिर सब इंस्पेक्टर सहित एसएचओ ने आखिर ऐसा क्या गुनाह दिया कर

Loading

चंडीगढ़:28 अप्रैल:– अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:— कहावत है कि चोरों को भी पड़ जाते हैं मोर। यह सौ सुनार की एक लोहार की। या यूं कहिए काठ की हांडी बार-बार चूल्हे नहीं चढ़ती। क्या फिर तू डाल डाल मैं पात पात। जी हां ऐसा ही कुछ हुआ है चंडीगढ़ सेक्टर 3 पुलिस स्टेशन के एस एच ओ और सब इंस्पेक्टर के साथ मामला बेहद पेचीदा लेकिन बिल्कुल क्लियर है और आला अधिकारियों ने उनसे भी ऊपर के आला अधिकारियों के फोन आने पर ऐसी कार्रवाई को दिया अंजाम के पूरा महकमा तो छोड़ो पब्लिक और प्रेस भी रह गई हैरान।।

   सेक्टर 3 थाने के एसएचओ शेर सिंह और सब इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह को चंडीगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी की ओर से मंगलवार रात कंट्रोल रूम के जरिए वायरलेस मैसेज करवा लाइन हाजिर कर दिया गया है। इंस्पेक्टर शेर सिंह को लाइन हाजिर किए जाने के बाद देर रात थी उनके स्थान पर वर्तमान में सुखना लेक चौकी इंचार्ज इंस्पेक्टर जसपाल को सेक्टर -3 थाने के एसएचओ का टेंपरेरी चार्ज दिया गया है। लाइन हाजिर किए गए दोनों पुलिस अधिकारियों को रात में ही पुलिस लाइन में रिपोर्ट करने के आदेश दिए गए थे। जिसके बाद बुधवार सुबह एसएसपी चंडीगढ़ कुलदीप सिंह चहल ने लिखित आर्डर निकाल दोनों अधिकारियों को थाने से सेक्टर 26 स्थित पुलिस लाइन भेज दिया है। वैसे तो निकाले गए लाइन हाजिर के आदेशों को वरिष्ठ अधिकारी एडमिनिस्ट्रेटिव ग्राउंड बता रहे हैं। वहीं विभागीय सूत्र इस कार्रवाई के पीछे कैंबवाला में बीते दिनों हुए एक प्रॉपर्टी डिस्प्यूट के मामले में पुलिस की ओर से बरती गई लापरवाही को बता रहे हैं।

 

सूत्रों की माने तो उक्त मामले में एरिया पुलिस आरोपियों पर पूरी तरह मेहरबान थी। यहां तक एक अधिकारी का आरोपियों के यहां आना-जाना तक रहा है। सूत्रों का दावा है कि आलम यह था कि प्रॉपर्टी को लेकर हुए विवाद में जमकर चोट आने के बाद भी पुलिस ने हत्या के प्रयास की धारा को केस में नहीं जोड़ा। लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा और मेडिकल रिपोर्ट में गंभीर जानलेवा चोटों का जिक्र किए जाने लगा । तब जाकर प्रेशर पङने पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 307 को जोड़ा गया। सूत्रों के मुताबिक मामले में थाना पुलिस की ओर से की गई पूरी कार्रवाई की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। वहीं सूत्रों का दावा है कि आरोपियों की एरिया पुलिस के एक अधिकारी से इस तरह की हमजोली थी कि एक साहब का तो आए दिन उनके यहां आना-जाना लगा रहता था। सूत्रों का दावा है कि जिस दिन प्रॉपर्टी की बाउंड्री वॉल बनाई जाने वाली थी। उसके पहले आरोपियों से हमजोली निभाने वाले थाने के पुलिस अधिकारी ने अपने एक वरिष्ठ अधिकारी से बकायदा मीटिंग कराकर बातचीत तक कराई थी। इस अधिकारी से मीटिंग इसलिए भी कराई गई क्योंकि कागजों में तो भले ही एसएचओ के तौर पर इंस्पेक्टर शेर सिंह का नाम चलता रहा हो। लेकिन सेक्टर 3 थाने की असली कमान तो इन्हीं जनाब ने संभाल रखी थी। सूत्रों की माने तो साहब ने आश्वासन देते हुए कहा था कि कुछ नहीं होगा। लेकिन साहब को इस बात का जरा भी इल्म नहीं था कि दूसरी पार्टी हाई कोर्ट मैं एक ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति के रिश्तेदार है। जो कि गुपचुप से कराए जाने वाले बाउंड्री वॉल के निर्माण के दौरान अचानक से पहुंचजाएंगे और कंट्रोल रूम से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक के फोन की घंटियां गनगाना देंगे। जिसके चलते तैयार किया गया पूरा खेल खराब हो मामला इतना बढ़ जाएगा ।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

94359

+

Visitors