सूर्य और चंद्रमा ग्रहण का भारत में धार्मिक और वैज्ञानिक स्तर पर है महत्व

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चंडीगढ़:13 अप्रैल:—आरके विक्रमा शर्मा/करण शर्मा+ अनिल शारदा /राजेश पठानिया प्रस्तुति:—– सूर्य ग्रहण या चंद्रमा  ग्रहण की घटना धार्मिक और वैज्ञानिक नजरिए से बहुत ही खास मानी जाती है। धार्मिक पहलु से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है। जबकि वैज्ञानिक नजरिए से यह एक खगोलीय घटना मात्र है। इस वर्ष कुल मिलकर 4 ग्रहण पड़ने हैं। जिनमें से 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण होंगे।

ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। और ऐसे में भगवान की पूजा भी नहीं की जाती है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण और अनोखी खगोलीय घटना है। हिंदू पंचांग के अनुसार 30 अप्रैल 2022 को पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। ये सूर्य ग्रहण आंशिक ग्रहण माना जा रहा है। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण का समय और सूतक काल के बारे में।l

  • सूर्य ग्रहण की तिथि        : 30 अप्रैल, शनिवार 2022
  • समय                           : दोपहर 12:15 से सायं 04:07 बजे तक
  • कैसा होगा यह ग्रहण       : आंशिक ग्रहण
  • कहां दिखेगा                  : दक्षिणी/पश्चिमी अमेरिका, पेसिफिक अटलांटिक और अंटार्कटिका में
  • सूतक काल                   : सूतक मान्य नहीं

Solar Eclipse 2022 : किस नक्षत्र में लगेगा ग्रहण 

पहला सूर्य ग्रहण वृषभ राशि में लगने जा रहा है। साथ ही यह ग्रहण भरणी नक्षत्र में लगेगा। खगोलशास्त्रियों के मुताबिक 30 अप्रैल 2022 वाला ये ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा। दूसरा सूर्य ग्रहण साल के अंत में 25 अक्टूबर 2022 को लगेगा।

कब होता है सूर्य ग्रहण ——— जब सूर्य और चंद्रमा का एक दूसरे से सामना होता है। लेकिन चंद्रमा का आकार तुलनात्मक रूप से छोटा होने के कारण सूर्य एक चमकती हुई अंगूठी की तरह नजर आता है।‌ तब पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण केवल उत्तरी भारत के कुछ जगहों पर ही दिखेगा जबकि देश के बाकी हिस्सों में यह आंशिक रूप से नजर आएगा।

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