चंडीगढ़/गाजियाबाद:- 7 अप्रैल:- आरके विक्रमा शर्मा/ दिलीप शुक्ला/ राजेश पठानिया+ अनिल शारदा प्रस्तुति:–-लखनऊ शहर का जिक्र करते ही सबसे पहले एक वाक्य कहा जाता है- नवाबी शहर और नवाबी तहज़ीब ……
जिसका अर्थ हुआ कि 800 साल पहले लखनऊ का अस्तित्व ही नही था?
यह गलत प्रोपगंडा है,
लखनऊ यानी लक्ष्मणपुर बहुत ही समृद्ध संस्कृति से परिपूर्ण एक नगर था….
और जैसा कि मुग़ल आक्रांता करते थे- वे उन जगहों को नष्ट कर जबरन कब्जा करते थे, जहाँ मंदिर व सनातन संस्कृति होती थी- जैसे कि अयोध्या,वाराणसी,मथुरा, प्रयाग, लखनऊ आदि और फिर उन जगहों के मंदिर व संस्कृति को ध्वस्त कर, शहरो, मोहल्लों,आस पास की जगहों के नाम बदल देते थे ।
इस कड़ी में लखनऊ में बहुत बड़े स्तर पर ऐसा सांस्कृतिक व मानवीय आक्रमण हुआ
लक्ष्मणपुर मंदिरों की नगरी था।
लक्ष्मणपुर के कुछ पुरातत्व मंदिरों पर एक दृष्टि–
1- मनकामेश्वर मंदिर- गोमती नदी के किनारे लक्ष्मन जी ने भगवान शिव की आराधना इसी स्थान पर की थी,जहाँ मनो कामना पूरी होने का आशीर्वाद है, यह मंदिर हज़ारो वर्ष पुराना है, बीच बीच मे जीर्णोद्धार होता रहा है।
2- चंद्रिका देवी मंदिर- यह मंदिर लक्ष्मण जी के बेटे ने बनवाया था, जिसे बाद में मुग़लो ने ध्वस्त कर दिया, फिर सैकड़ो वर्ष बाद इसका पुनर्निर्माण किया गया।
3- सूर्य मंदिर- डालीगंज पुल स्थित यह मंदिर बेहद प्राचीन मंदिर है, जिसे मुग़लो ने ध्वस्त किया, इसका भी पुनर्निर्माण हुआ परंतु प्राचीन वैभव नही पा सका।
4- नागेश्वर महादेव मंदिर- अलीगंज स्थित यह मंदिर अब छोटा सा अवशेष रह गया है , जबकि इस मंदिर का निर्माण भगवान राम के पुत्र कुश ने करवाया था, बाद में मुग़लो ने इसे ध्वस्त कर दिया, हज़ारो वर्ष बाद अब यह छोटे रूप में स्थित है।
5 कोनेश्वर महादेव मंदिर- यह भी गोमती नदी के किनारे स्थित शिव मंदिर है जहां शिव लिंग मध्य की बजाए कोने में चला गया, यह भी नष्ट किया गया, बाद में जीर्णोद्धार किया गया।
6 बटुक भैरव मंदिर- कैसरबाग स्थित यह मंदिर भगवान शिव के अवतार बटुक भैरव को समर्पित है, मुग़लो द्वारा कोशिश की जाने के बावजूद यह मंदिर यथावत है, यहां हर वर्ष एक मेले का आयोजन होता है।
7 हनुमान मंदिर- अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर एक प्रसिद्ध मान्यता युक्त मंदिर है, जहां हर वर्ष बड़ा मंगल का भव्य आयोजन एक माह तक हर मंगलवार को होता है।
8 लक्ष्मण टीला – ये वह स्थान है जहां भगवान राम ने लक्ष्मण जी को लखनपुर भेंट किया था यहां लक्ष्मण जी का मंदिर भी है, अब यहाँ टीले वाली मस्जिद है।साभार.l