गर्मी उमस और लू पर इंद्र और पवन की थू थू, रियाया बोली; तू ही तू
चंडीगढ़ ; 7 जून ; आरके शर्मा विक्रमा / एनके धीमान ;—–बीते मंगलवार शाम से घनघोर बादल छाये तो हर किसी के मुरझाये चेहरे पर रौनक की लकीर सी खींचनी स्वाभाविक ही थी ! कई दिनों से उमस लू के थपेड़े और फिर गर्मी का प्रकोप सब कुछ तो झुलसा तड़पा रहा था और थोड़ी सी राहत के लिए तरसा रहा था ! मंगलवर शाम को बादलों ने अंबर पर डेरा डाला ! तो चरों और फिजा में राहत की उम्मीदें अंगड़ाइयां लेती नजर आईं ! रात को बादलों ने चाँद को अपनी बदली में ढका फिर इंद्र ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई तो फिर जाने से गुरेज बरतता रहा ! आसमानी बिजली कड़कती रही तो इधर धरती से इंसानी बिजली बुझती जलती रही ! लोगों ने अँधेरे में बिना कुलरों पंखों के पेड़ों तले रात बिताने को तरसना मजबूरी जानकार यहाँ वहां करवटें लेते हुए रात गुजारी ! मेघ बरसते रहे धरती को खूब सींचते रहे और मौसम तो तरावट मिलती रही ! ठंडी बयार ने पारा खूब लुढ़काया ! सब ने जिव जंतुओं तक ने राहत से साँस ली इंद्र सहित पवन देव का भी शुक्रिया किया ! पित्त फोड़े फुंसियों से ग्रसित बच्चे बुजुर्गों ने सबने बरसात की तेज फुहारों में नहाकर राहत पाई ! पारे की गिरावट मौसम विभाग ने तो कागजों में दर्ज की वाहन रियाया सबने अपने तन बदन पर राहत महसूस की ! आवारा और गली मुहल्लों के कुत्तों ने जहाँ जहाँ बरसाती पानी जमा हुआ वहीँ पीठ के बल लौट्ते हुए खूब बरसाती पानी का आनंद लिया ! आज बुधवार को दिन भर मौसम ने खूब तेवर ढीले रखे और लोगों बदले मौसम कालुत्फ़ उठाया ! दिन भर गर्मी का नाम न रहा ! पर आसमान भी साफ़ ही रहा ! अब खबर लिखे जाने के वक़्त भी गर्मी नहीं है ठंडी हवा बहने से खुशगवारी बनी हुई है ! ठंडी हवा के झोंके अब देह को ठंडक दे रहे हैं और लोगों ने ऐ सी बंद करके या तो पंखे या फिर बिना पंप के पंखे से कूलर चला रहे हैं ! धरती खूब बरसे मेघ तो रीझ गई है और आग उगलना भूल के खूब ठंडक दे रही है !