दोनों महा शक्तियों की कूट नीतियों को प्रभावित करने में सक्षम बना भारत

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चंडीगढ़ आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा+अनिल शारदा/ राजेश पठानिया प्रस्तुति:—भारत का विश्व शक्ति* के रूप में उदय 48 घंटे पहले तक *रूस* भी यही बोल रहा था कि जो देश *चीन* में जांच की बात करेगा *रूस* उस देश की भी जांच करेगा।

लेकिन *अमेरिका* ने जहां एक तरफ से अपने सारे सहयोगी देशों को एकजुट किया वही *रूस* को मनाने की जिम्मेदारी *भारत* को दी गई और आज की बैठक में *रूस* ने *चीन* के कदमों के नीचे से जमीन हटा दी और जांच से संबंधित *ऑस्ट्रेलिया* के प्रस्ताव का *Co_Sponsor* बन गया ……. बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत है *भारत* की इसकी कल्पना भी असंभव थी और *अमेरिका* समेत सारे *पश्चिमी देश* *भारत* की इस बात के लिए प्रशंसा कर रहे हैं, और आज *भारत* दुनिया की इकलौती वह महाशक्ति है: जिसके *अमेरिका* और *रूस* से एक समान घनिष्ट संबंध है जो अपने दम पर इन दोनों देशों की विदेश नीति बदलवाने की क्षमता रखता है। क्या कभी आपने कल्पना की थी कि *भारत* उसी स्थिति में होगा जहां *रूस* जैसा देश अपनी विदेश नीति या वैश्विक नीति *भारत* के कहने पर 48 घंटे के अंदर पूरी तरह पलट दे। *भारत* ने यह कर दिखाया है।

 

हाल ही में *चीन रूस* के समर्थन के दम पर *भारत* के सीमा क्षेत्रों में चहल कदमी कर रहा था। *भारत* पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन आज *भारत* ने विश्व मंच पर *चीन* को अकेला और एक किनारे कर दिया है, आज की जो यह घटना है इसके बाद से *पाकिस्तान* में बेचैनी और बौखलाहट बेहद ज्यादा बढ़ जाएगी। उनके ऊपर अस्तित्व का संकट बन जाएगा क्योंकि *भारत* अब *चीन* के कर्मों की सजा *पाकिस्तान* को देना शुरू करेगा, और *चीन* के खिलाफ यह पहली कूटनीतिक जीत *भारत* की हुई है, और यह शायद *भारत* के इतिहास में सबसे बड़ी कूटनीतिक जीत में से एक गिनी जाएगी।

 

जहां आज लगभग दुनिया के *123 छोटे बड़े देश भारत* के साथ खड़े है। आप सभी *भारतीय* को इस विजय की शुभकामनाएं और *मोदी जी* को धन्यवाद ऐसे सशक्त नेतृत्व के लिए। *नमो नम*

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