चंडीगढ़:- 2 फरवरी:- अनिल शारदा करण शर्मा :— कड़ाके की सर्दी में पंजाब से आई एक धमाकेदार ब्रेकिंग न्यूज़ ने सियासत के समंदर में चर्चाओं व कानाफूसी का ज्वार भाटा ला दिया है। सियासत में आए इस भूचाल का सीधा केंद्र बिंदु हंसी के बादशाह और लोगों की फजीहत करने में अग्रणी रहने वाले नवजोत सिंह सिद्धू है।
कहा जाता है कि दूसरों के लिए खाई खोदने का सीधा सीधा मतलब है खुद के लिए एक बड़ी खाई खोद देना। यही वाक्यात दल बदलू मौकापरस्त बड़बोला और दूसरों की साख पर बट्टा लगाने वाला नवजोत सिंह सिद्धू के पल्ले एक नई मुसीबत अंगड़ाई लेती हुई सिर पर आ खड़ी हुई है। पंजाब में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से लेकर पार्टियों के छोटे स्तर के कार्यकर्ता सक्रियता से भाग दौड़ में अपनी भूमिका निभाने में मशगूल हैं। ऐसे में पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू प्रांत से यकलखत गायब हो गए। छानबीन के बाद तुरंत मालूम पड़ा कि जम्मू में स्थित आदि दुर्गा स्वरूप मां वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए गए हैं। शायद उन्हें भनक पड़ चुकी थी कि आने वाले दिन उन पर भारी पड़ने वाले हैं। इसीलिए मां का आशीर्वाद लेने अचानक सुबे से निकलना मजबूरी हो गई थी। आज की नहीं है यह 30 साल पुराना केस है। जो रिओपन हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में वीरवार को इस केस की सुनवाई होगी। यह केस रोड रेज की पिटशन की सुनवाई के लिए रिओपन हुआ है। 1988 के रोड रेेंज के संबंध में दिए फैसले के खिलाफ है। केस में पटियाला के बशिंदे की दर्दनाक मौत हुई थी।
पटियाले के इस बशिंदे का नाम जसविंदर सिंह और केस की सुनवाई का समय वीरवार को 3:30 बजे बाद दोपहर है। जस्टिस ए एम खानविलकर और संजय किशन कौल इस केस के मृतक जसविंदर सिंह की पीड़ित परिवार की पटीशन पर समीक्षा करेंगे। इस केस में महज ₹1000 का अर्थदंड देकर सिद्धू को छोड़ दिया गया था। अदालत इन्हीं पुराने आदेशों की समीक्षा करने की मांग की सुनवाई करेगी।।